- सरयू राय, अमरप्रीत सिंह काले समेत अन्य बागियों के वापसी के लगाये जा रहे कयास
Ranchi : 2019 के विधानसभा चुनाव में कोल्हान की सभी 14 सीटें गंवाने वाली बीजेपी ने फिर नये सिरे से वहां की कमजोर कड़ियों को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है. पार्टी से निकाले गये नेताओं की वापसी शुरू हो गयी है. पूर्व मंत्री बड़कुंवर गगराई के बीजेपी में वापस आने के बाद सरयू राय और अमरप्रीत सिंह काले समेत दूसरे नेताओं की जल्द ही वापसी के कयास लगाये जा रहे हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो कोल्हान में 6 साल के लिए निष्कासित कई नेता बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं, लेकिन उनकी वापसी पर अंतिम मुहर प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की सहमति के बाद लगेगा.
मजबूत नेताओं के टिकट काटना बीजेपी को पड़ा था महंगा
गौरतलब है 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बागी हुए नेताओं को पार्टी से निकालना बीजेपी को इतना महंगा पड़ गया था कि कोल्हान की सभी सीटों पर पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था. फिलहाल बीजेपी के पास कोल्हान में रघुवर दास को छोड़कर कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं बचा है. ऐसे में पार्टी को कोल्हान में फिर दबदबा बनाने के लिए पुराने नेता ही विकल्प दिख रहे हैं. सरयू राय का भले ही रघुवर से 36 का आंकड़ा है, लेकिन बीजेपी के दूसरे नेताओं के खिलाफ उनका नपा- तुला बयान आता है. वहीं अमरप्रीत सिंह काले ने भी बीजेपी से निकाले जाने के बाद दूसरी पार्टी ज्वाइन नहीं की है. रतन महतो, सतीश सिंह और सुबोध श्रीवास्तव जैसे नेताओं की भी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ रही हैं.
जेएमएम- कांग्रेस के नेताओं पर भी नजर
इसके साथ ही कोल्हान में मजबूत पकड़ रखने वाले जेएमएम और कांग्रेस के नेताओं को भी बीजेपी के पाले में करने की कोशिशें जारी हैं. 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी ने कोल्हान के सीटिंग विधायकों को पार्टी में शामिल कराने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी. पूर्व मंत्री जेपी पटेल ने मध्यस्थता भी की थी. दीपक बिरुआ, कुणाल षाडंगी, दशरथ गागराई, शशिभूषण सामड और जोबा मांझी से संपर्क किया गया था. कुणाल षाडंगी ने चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया, हालांकि वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ सके. उधर, चुनाव के बाद जेएमएम के बागी शशिभूषण सामड भी कुछ महीने पहले बीजेपी में आ गये. कोल्हान में खोये हुए जनाधार को वापस पाने के लिए बीजेपी एक बार फिर विपक्षी दलों के विधायकों को भी टटोलने की कोशिश करेगी.
2014 में 5 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2019 में 0 पर पहुंच गयी
कोल्हान में रघुवर दास की मजबूत पकड़ होने के बाद भी 14 में से एक भी सीट बीजेपी को नहीं मिली. उल्टे रघुवर के प्रभाव में सीटिंग विधायकों को टिकट नहीं देने से पार्टी को नुकसान हो गया. 2014 के चुनाव में भाजपा को जहां 5, झामुमो को 7 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं. वहीं 2019 में जेएमएम ने 14 और कांग्रेस ने 2 सीटों पर कब्जा जमाया था. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सरयू राय ने रघुवर को हराकर कोल्हान को बीजेपी मुक्त कर दिया.
बीजेपी का दिल बड़ा है : दीपक प्रकाश
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि बीजेपी का दिल बड़ा है. सभी के लिए पार्टी का द्वार खुला हुआ है. उन्होंने कहा कि कोल्हान से कई और नेता बीजेपी में जुड़ेंगे.
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