Dhanbad : केंद्रीय श्रम कानूनों के खिलाफ कर्मचारी समन्वय समिति और उसके 18 घटक दल 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल पर रहने की घोषणा की है. संगठन के पदाधिकारी अशीम हलधर ने गुरुवार को पीसी कर बताया की 26 नवंबर को ऐतिहासिक भारत बंद होने जा रहा है. इसमें देश के 20 करोड़ मजदूर कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे. उन्होंने कहा की केंद्र सरकार सभी प्रकार की सरकारी उद्योग, रेल, भेल, कोयला, हवाई पट्टी, एलआईसी, सरकारी दवा उद्योग, बीएसएनएल सहित कई सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को निजी मालिक कॉरपोरेट घराने के हाथों बेचने का काम कर रही है.
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हलदर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की मोदी सरकार देश के मेहनतकश आवाम को अच्छे अवसर और आत्मनिर्भर बनाने के बजाय पूंजीपत्ति या कॉरपोरेट घरानों और सशक्त बना रही है. उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी में केंद्र की सरकार बेरोजगारी और महंगाई रोकने में असफल रही. कोरोना काल में दस से बारह करोड़ लोग बेरोजगार हो गए है. इसलिए सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 26 नवंबर को श्रमिक संगठनों ने देश व्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है.