NewDelhi : लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को सुनवाई हुई. आज फिर यूपी सरकार को फटकार मिली. सुनवाई के क्रम में अदालत ने चश्मदीद गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिये. खबर है कि यूपी पुलिस को दिये गये निर्देश में SC ने कहा कि वह और चश्मदीदों की तलाश करे. CJI एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने महज 23 गवाहों की जानकारी दिये जाने पर हैरानी जताई. यूपी सरकार से पूछा कि चार-पांच हजार लोग मौके पर थे, लेकिन आश्चर्य है कि सिर्फ 20 के बयान मैजिस्ट्रेट के सामने रेकॉर्ड किये गये. कोर्ट ने कहा कि चश्मदीद गवाहों के बयान मैजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किये जायें.
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मौके पर कई साक्ष्य हैं और मीडिया एविडेंस है
बता दें कि यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने जब कहा कि मौके पर कई साक्ष्य हैं और मीडिया एविडेंस है तो जस्टिस सूर्यकांत ने इसका काउंटर किया. टिप्पणी की कि जब मौके पर पांच हजार के करीब आदमी थे और वह लोकल हैं तो फिर ऐसे लोगों की पहचान मुश्किल नहीं होनी चाहिए. कोर्ट का कहना था कि लोगों ने कार देखी और उसमें जो लोग थे, उन्हें भी देखा है.
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हिंसा के वीडियोज से जुड़ीं रिपोर्ट्स जल्द सबमिट करने का आदेश
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कोर्ट ने पुलिस से कहा कि आपके जो भी गवाह हैं, उसके अलावा भी बाकी गवाहों की तलाश करें. कोर्ट ने कहा कि ‘चश्मदीद गवाह हमेशा ज्यादा पुख्ता सबूत होते हैं. इस क्रम में हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि यूपी सरकार मामले में गवाहों के बयान एक सीलंबद लिफाफे में सामने रख सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से हिंसा के दौरान रमन कश्यप नाम के पत्रकार और श्याम सुंदर नाम के शख्स की मौत की जांच पर अपडेट भी मांगा. खबर है कि कोर्ट ने फोरेंसिक लैब्स से हिंसा के वीडियोज से जुड़ीं रिपोर्ट्स जल्द सबमिट करने को कहा है.