Kuntlesh Kumar
Koderma : आशियाना बनाने में उम्र गुजर जाती है और कुछ लोग उसे तोड़ने में मिनट भी नहीं लगाते. ऐसा है कुछ वाक्या कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया नगर परिषद क्षेत्र के रांची पटना रोड स्थित एनएच- 31 पर हुआ. जहां भू-माफियाओं ने जमीन खरीदार के साथ मिलकर एक परिवार का घर जेसीबी लगाकर ढाह दिया. बीते 27 सितंबर की भोर में पीड़ित रंजीत सिंह घटना से बेखबर अपने परिवार के साथ अपने घर में सो रहे थे. अचानक घर ढहने लगा. आवाज सुनकर जगे रंजीत सिंह कमरे से बाहर निकले तो देखा घर के बाहर जेसीबी लगी है और घर को ढाहा जा रहा है. जेसीबी चालक को रूकने के लिए कहा तो साथ आए भू-माफियाओं और उसके गुर्गों ने गाली-गलौज कर भगा दिया. पीड़ित रंजीत सिंह ने बताया कि वह भागे-भागे थाना गए, वहां से भी कोई मदद नहीं मिली, उल्टा फटकार कर भगा दिया गया. जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो पूरे परिवार के साथ घर के सामने रांची-पटना रोड पर बैठ गए. कई घंटे तक भू-माफिया और उसके गुर्गे वहां जमा रहे और घर को ढहाते रहे, मगर पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. जब पीड़ित परिवार ने रोड जमा किया तो पुलिस और प्रशासन तुरंत हरकत में आ गये. कोडरमा सीओ अनिल कुमार, तिलैया थाना प्रभारी राम नारायण मौके पर पहुंचे और समझा-बुझाकर जाम को हटवा दिया.
मामले में पुलिस-प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरह से इस घटना की चर्चा कर रहे हैं. मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. जेएमएम और बीजेपी में जुबानी जंग शुरू हो गई है. इस मामले पर केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आज तक ऐसी घटना जिले में नहीं हुआ था. इस तरह की घटना अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं हुआ करता था. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मामला को डीजीपी नीरज सिन्हा ने काफी गंभीरता से लिया है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
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क्या है मामला
3.75 डिसमिल जमीन को रामदेव सिंह ने भू-माफिया शिवनंदन यादव के मार्फत 2021 में लक्ष्मी देवी पति अशोक मोदी को सेल डीड नंबर 2924, खाता 263/102, प्लॉट 263 /4042 जमीन बेचा था. पैसे लेकर रामदेव सिंह अपने पुश्तैनी मकान पूर्णिया में जाकर बस गए. वहीं रामदेव सिंह ने 2004 में इसी जमीन को अपने 2 पतोहू संजय सिंह की पत्नी और रंजीत सिंह की पत्नी के नाम से सेल डीड नंबर 3925, खाता नम्बर 101 प्लॉट 4006 को दिया था. जिसका दाखिल खारिज नहीं हो पाया था. हालांकि बिक्री के दोनों सेल डीड में खाता और प्लॉट अलग-अलग है, जबकि चौहद्दी लगभग एक ही है.
क्या कहते हैं रंजीत सिंह
रंजीत सिंह ने बताया कि यह घर मेरे पिताजी ने वर्षों पहले खरीदा था. जिसे हम दोनों भाइयों की पत्नियों के नाम से 2004 में रजिस्ट्री कर दिया था, फिर जब जबरन भू- माफिया ने मिलकर मेरे पिताजी को बहला फुसलाकर मेरे भाई संजय सिंह की मौत के बाद इसे दोबारा लिखवा दिया और मुझे पता भी नहीं चला. अचानक एक दिन भू-माफिया शिवनंदन यादव आकर घर खाली करने को बोलने लगा और कहा कि मैंने इसे खरीद लिया है. इसके बाद लगातार भू-माफियाओं के द्वारा उन्हें डराया-धमकाया जाने लगा. भू-माफियाओं के गाली-गलौज और धमकी से तंग आकर रंजीत सिंह ने 26 दिसंबर को पुलिस थाना में आवेदन भी दिया था. मगर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. रंजीत सिंह की दो बेटी और दो बेटे हैं. वह कहते हैं कि पिछले एक सप्ताह से पूरा परिवार प्लास्टिक के नीचे रहने को विवश है. मामले में पुलिस-प्रशासन की ओर से केवल खानापूर्ति की जा रही है. घटना से पूरा परिवार डरा-सहमा है.
मामले में इनकी हुई गिरफ्तारी
मामला तूल पकड़ने के बाद डीजीपी ने संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए. जिसके बाद शनिवार को भू-माफिया शिवनंदन यादव को गिरफ्तार किया गया. उसके अगले दिन जमीन खरीदने वाले के पति अशोक मोदी को गिरफ्तार कर लिया गया. बताते चलें कि जमीन का एग्रीमेंट शिवनंदन यादव और अशोक मोदी के नाम से था. जानकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मारपीट की धारा लगाई गई है.
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