Latehar : दस्तावेज नवीस संघ विभिन्न मांगों को लेकर निश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. आज बुधवार को हड़ताल का 15वां दिन है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन के लिए कोई डीड नहीं आया है. इससे एक तरफ सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. वहीं आम जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. संघ के सचिव दिलीप कुमार सिन्हा व सुनील कुमार का कहना है कि निबंधन कार्यालय में भूमि की दस्तावेजों के निबंधन के लिए अनाप-शनाप कागजातों की मांग की जा रही है. साथ ही निबंधन एक्ट के प्रावधानों को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. संघ का कहना है कि विभागीय मनमानी के कारण दस्तावेजों का निबंधन नहीं हो पा रहा है. निबंधक से इसके सुधार के लिए लगातार मांग की गयी, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. अंत में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया. (पढ़ें, इमरान की गिरफ्तारी को SC में चुनौती देगी पीटीआई, बोले कुरैशी- रिहाई की मांग कानूनी रूप से जायज )
संघ की मांगों के बावजूद नहीं हुआ सुधार
मालूम हो खतियानी भूमि के निबंधन के लिए उस खाता के तमाम वंशजों की फिजिकल कंसेंट आवश्यक कर दिया गया है. निबंधन कार्यालय द्वारा आदेश जारी कर बताया गया है कि खतियानी भूमि के सिलसिले में जब तक सभी वंशजों की उपस्थिति निबंधन कार्यालय में सशरीर नहीं होगी और उनकी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं होगा, तब तक उक्त भूमि की निबंधन नहीं होगी. ऐसा नहीं होने से प्रतिदिन दर्जनों डीड लौटाये जा रहे थे और दस्तावेज नवीसों एवं आम जनता को काफी परेशानियां हो रही. इस जटिल प्रक्रिया को सामान्य करने की मांग को लेकर दस्तावेज संघ कई बार जिला निबंधक एवं सहायक निबंधक से मिले. लेकिन इस दिशा में कोई सुधार नहीं हुई. तब जाकर संघ ने हड़ताल करने का फैसला लिया.
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