Ranchi: कहानीकार और कवियत्री रश्मि शर्मा की पहली यात्रा वृतांत झारखंड से लद्दाख तक का लोकार्पण प्रभात प्रकाशन कार्यालय के सभागार में संपन्न हुआ . रश्मि शर्मा की ये पांचवीं किताब है जिसे प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. इससे पहले उन्हें सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न सम्मान 2020 और 2021 का शैलप्रिया स्मृति सम्मान भी प्राप्त हो चुका है. ये उनकी पहली यात्रा वृतांत है. इस पुस्तक में झारखंड और लद्दाख के यात्रा वृत्तान्त शामिल हैं, जो इन प्रदेशों की कई अनदेखी अनजानी सच्चाइयों को सामने लाते हैं. पुस्तक की शुरूआत रांची से हुई है जो लद्दाख जाकर खत्म होती है.

रश्मि शर्मा ने कहा कि ” जब घर की एकरसता से ऊब जाती हूं, तो बाहर की ओर भागती हूं. वह बाहर अपने शहर का कोई कोना हो सकता है, थोड़ी दूर में कोई झरना या किसी जंगल का निपट एकांत. इस बाहर की यात्रा से मेरे अंदर का अवसाद खंडित होता है और मेरी दृष्टि अधिक स्पष्ट हो जाती है. मेरी आंखें वो सब देखने लगती हैं, जो सामान्य तौर पर कोई गौर नहीं करता.” इससे पहले रश्मि शर्मा यात्राओं पर अपने ब्लॉग में लिखा करती थीं.
समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रख्यात साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि ये पुस्तक सूचनापरक है .पर्यावरणविद् नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि इस पुस्तक से उन्हे कई नयी जानकारियां मिलीं जो काफी रोचक हैं.
दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रमोद कुमार झा ने कहा कि रश्मि शर्मा के इस पुस्तक को पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे एक फोटोग्राफर अपनी बातों को शब्दों के माध्यम से कह रहा है .
वरिष्ठ कथाकार- उपन्यासकार राकेश कुमार सिंह ने कहा कि यह किताब संस्मरण और सफरनामे का कोलाज है.
कार्यक्रम में कुमार बृजेंद्र, प्रकाश देवकुलिश, संगीता कुजारा टॉक, रीता गुप्ता,नंदा पांडेय, सारिका भूषण, राजीव थेपड़ा, प्रशांत गौरव, नीरज नीर, राकेश रमन, दीप्ति भगत, रेणु मिश्रा, डेजी सिन्हा, इंदु बाबू, जयमाला, कामेश्वर कुमार सिंह, पंकज पुष्कर, चंद्रिका ठाकुर, मनोज कुमार नेगी, अंजु समेत कई साहित्यकार उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा ने और कार्यक्रम का संचालन मुक्ति शाहदेव ने किया.

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