Ranchi: झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के क्रेडिट लिंक का लाभ दस हजार से भी कम लोगों ने उठाया है. इस योजना का प्रचार-प्रसार कम होने के कारण लोगों के पास जानकारी का अभाव है. साथ ही इसके नियम और बैंक के चक्कर के कारण भी योजना का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच रहा है. केंद्र सरकार ने देश के मध्यमवर्गीय लोगों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए एक मौका और दिया है. केंद्र ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए फिर क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को बढ़ा दिया है.
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मार्च 2021 तक लोग दे सकते हैं आवेदन
देश में अब तक 8.18 लाख लोगों ने पीएम आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम का लाभ उठाया है. जबकि यह योजना वर्ष 2015 से चल रही है. केंद्र सरकार ने योजना के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है. इसका लाभ मध्यमवर्गीय परिवार उठा सकते हैं. सरकार को अनुमान है कि पूरे देश में 2.50 लाख से ज्यादा मध्य वर्गीय परिवारों को लाभ होगा. देश में इस योजना का लाभ उठाने में महाराष्ट्र और गुजरात है. बिहार, झारखंड उड़ीसा समेत 13 राज्य निचले पायदान पर हैं, जहां 10 हजार से भी कम लोगों ने क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम का लाभ उठाया है. इस बार मिले मौके का लाभ झारखंड के लोग भी उठा सकते हैं.
स्कीम के तहत हैं चार श्रेणियां
पीएम आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को चार श्रेणियों में बांटा गया है. इनमें तीन से छह लाख सालाना आय वाले इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS) और लोअर इनकम ग्रुप (LIG) को रखा गया है. वहीं 6 से 12 लाख सालाना आय वाले मिडिल इनकम ग्रुप 1 (MIG1) और 12 से 18 लाख सालाना आय वाले को मिडिल इनकम ग्रुप 2 (MIG2) में रखा गया है. केवल पहली बार घर बनाने वाले को यह सुविधा मिलती है. इसमें घर बनाने या फ्लैट लेने पर बैंक से ऋण लेने पर सब्सिडी दी जाती है. यह सब्सिडी अधिकतम 2.67 लाख रुपये तक हो सकती है. यह व्यक्ति की पात्रता और श्रेणी पर निर्भर करता है.
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बैंक में भरा जा सकता फार्म
बैंक से होम लोन लेने के बाद वहीं पीएम आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम के लिए आवेदन किया जा सकता है. आवेदन करने वाले व्यक्ति को देश में कहीं अपना घर नहीं होने का शपथ पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, सालाना आय का ब्योरा देना पड़ता है. बैंक द्वारा आवेदन केंद्र सरकार को भेज दिया जाता है, जहां से आवेदन को स्वीकृत किया जाता है. आवेदन स्वीकृत होने के बाद सब्सिडी की राशि लाभुक के खाते में भेज दी जाती है.
राज्य सरकार का काम फैसिलिटेटर का
राज्य सरकार के नगर विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पीएम आवास योजना के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम में राज्य सरकार केवल फैसिलिटेटर की भूमिका निभाती है. लोगों को बताया जाता है कि वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसमें बैंक की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि इस योजना का प्रचार-प्रसार कम होने और कुछ बैंकों की उदासीनता के कारण योजना का लाभ कम लोगों तक पहुंच रहा है. बैंकों के साथ होने वाली बैठक में सरकार द्वारा इस पर बल देने का निर्देश समय-समय पर दिया जाता है.