अनिल पांडे
Dhanbad . झरिया बाजार में बिजली विभाग मौत को दावत दे रहा है. यहां के बाजारों में बिजली तार की मकड़जाल है. सड़क किनारे बिजली के कई पोल हैं , जिससे 11 हजार वोल्ट की तार गुजरी है. इन तारों से 5-6 फुट की दूरी पर इमारतें हैं.
कई इमारतों से तार सटे हुए हैं. यहां ट्रांसफार्मर के ठीक नीचे कई दुकानें हैं. ट्रांसफार्मर में कभी किसी तकनीकी गड़बड़ी से आग लग जाए या विस्फोट हो तो बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसा भी नहीं है कि बिजली विभाग को इसकी जानकारी नहीं है. विभागीय अधिकारी इस रास्ते से प्रतिदिन गुजरते हैं. वे सब कुछ देखने के बाद भी गहरी नींद सो रहे हैं.
स्थानीय लोगों में है आक्रोश
बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा बीते 8 नवंबर को पांच लोगों को भुगतना पड़ा. बिजली तार की चपेट में आने से झरिया स्थित बिहार बिल्डिंग के समीप पांच लोग बुरी तरह झुलस गए. झुलसे लोगों में एक ही परिवार के चार सदस्य हैं, जिसमें दो सदस्यों की मौत हो चुकी है तथा दो सदस्य रांची के एक अस्पताल में जीवन और मौत से जुझ रहे हैं. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है. गुस्साए लोगों ने आहत परिवार को मुआवजा देने की मांग को लेकर बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा पुतला फूंका.
घरों के पास से बिजली तारों की मकड़जाल हटाने तथा तारों में गार्ड लगाने की मांग स्थानीय लोग बिजली विभाग से कई बार कर चुके हैं, लेकिन इस विभाग के लिए मांग मतलब नहीं रह गया है. इन तारों को देखकर साफ लगता है कि बिजली विभाग की लचर व्यवस्था आम लोगों की जान लेने पर आमादा है.
झरिया बाजार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स की मांग अनसुनी
झरिया बाजार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार बिजली विभाग को पत्र भेजकर इन मामलों से अवगत कराया, लेकिन विभाग ने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया. कुछ दिन पूर्व झरिया चैंबर के अध्यक्ष अमित साहू और भाजपा नेता अरिंदम बनर्जी ने विभाग से शिकायत की थी. दोनों ने बताया कि झरिया में बिजली तार की लचर व्यवस्था है. बिजली महाप्रबंधक अजीत कुमार ने 8 नवंबर की घटना को दुःखद बताते हुए कहा कि आहत परिवार को 2 लाख रुपए जल्द मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जर्जर तारों को ठीक किया जाएगा और ट्रांसफर्मर के नीचे से दुकानों को हटाया जाएगा.
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