- साल भर में करीब 11 हजार करोड़ का कारोबार करते हैं व्यवसायी
- पिछले साल की पाबंदियों में करीब 500 करोड़ के नुकसान का अनुमान
Ranchi: राज्य के नौ जिलों में लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गयी है. इन नौ जिलों में कुछ पाबंदियां सरकार ने हटायी हैं. वहीं कपड़ा फुटवियर समेत अन्य उद्योगों को बंद रखने का निर्णय लिया. कपड़ा व्यवसायिक संगठनों में इसका विरोध किया है. एक आंकड़े के मुताबिक राज्य में करीब दो लाख से अधिक लोगों की आजीविका का साधन कपड़ा व्यवसाय है. ऐसे में पिछले साल के तीन महीने का लॉकडाउन और इस साल के लॉकडाउन ने इन व्यवसायियों की कमर तोड़ दी है. उनका इन दो महीनों में करीब सौ करोड़ का कारोबार ठप हुआ है. क्योंकि इस दौरान शादी से लेकर ईद आदि त्योहार भी हुए. जिसमें लोगों ने खरीदारी नहीं की. एक आकलन के मुताबिक कपड़ा जगत एक महीने में लगभग 80 करेाड़ तक का कारोबार करता है.
देशभर के 55 मंडियों से आते हैं कपड़े
राज्य में देशभर से कपड़े आते हैं. इसमें लगभग 55 मंडियां हैं. दक्षिण भारत के 15 मंडियों से कपड़े आते हैं. गुजरात के अहमदाबाद, जामनगर, सूरत समेत कई स्थानों से साड़ियां आती हैं. झारखंड राज्य थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अनिल जालान ने बताया कि जो माल इस बार आया, हो सकता है जब तक दुकानें खुलें वो फैशन के बाहर हो जाएंगे. लोग ऐसे कपड़े फिर नहीं खरीदेंगे. इस बार जो लॉकडाउन लगा उस दौरान ईद और लगन का सीजन रहा. समय बीत गये लेकिन स्टॉक रह गया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों के साथ बैठकर वार्ता करें और उनकी मांगें सुनें. तभी कोई निर्णय लें.
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साल भर में लगभग 11 हजार करोड़ का कारोबार
कुछ कपड़ा व्यवसायियों से बात करने से जानकारी हुई कि कपड़ा व्यवसायी हर साल लगभग 11 हजार करोड़ का कारोबार करते हैं. पिछले साल तीन महीने लॉकडाउन लगा. इसके बाद भी कपड़ा व्यवसाय बंद रहा. इस दौरान करीब चार से पांच सौ करोड़ के कारोबार का नुकसान हुआ. इस साल फिर से स्थिति ऐसी ही है. ऐसे में कपड़ा व्यवसाय की कमर टूट गयी है.
चैंबर ने लिखा है पत्र
बता दें पिछले दिनों चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से सीएम को पत्र लिखा गया है. इसमें कपड़ा और अन्य व्यवसायों को भी खोलने की मांग की गयी है. चैंबर ने लिखा है कि सप्ताह में चार दिन दो बजे तक इन व्यवसायों को खोलने की अनुमति मिले. क्योंकि पिछले साल के लॉकडाउन से लेकर इस वर्ष के लॉकडाउन तक में सबसे अधिक नुकसान में यही सेक्टर हैं.