Kolkata : पश्चिम बंगाल के बर्धमान पूर्वी से सांसद सुनील कुमार मंडल ने गृह मंत्रालय से वाई प्लस सुरक्षा हटाने की मांग की है. इसका कारण आर्थिक संकट है. सांसद ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को पत्र लिखकर सुरक्षा हटाने को कहा है. क्योंकि वे सुरक्षा का खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्री अमित शाह क रैली में सुनील मंडल तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.
BJP MP Sunil Kumar Mondal wrote to Central Reserve Police Force regarding withdrawal of security by the Ministry of Home Affairs as he is "not in a position to maintain the expenditure of the security."
MHA had approved Y+ category security to him on 2nd January.
— ANI (@ANI) August 2, 2021
खबरों के अमुसार गृह मंत्रालय ने सुनील मंडल को 2 जनवरी को वाई प्लस कैटगरी की सुरक्षा मुहैया कराई थी. भाजपा में शामिल होने के बाद सुनील मंडल ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था. टीएमसी ने दलबदल विरोधी नियमों के तहत सुनील मंडल को अयोग्य घोषित किये जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था. इस संबंध में पिछले माह लोकसभा सचिवालय ने उन्हें नोटिस जारी किया था.
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टीएमसी में ही बना रहूंगा : मंडल
इससे पूर्व सोमवार को सुनील मंडल ने कहा कि वह टीएमसी के सांसद हैं और टीएमसी में ही रहेंगे. उन्होंने कभी भी पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने कहा, “मैंने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है. मैं टीएमसी में था और टीएमसी में रहूंगा. मैं संसद में तृणमूल के अन्य सांसदों के साथ मिलकर काम करूंगा. हालांकि उन्होंने भाजपा छोड़े जाने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया.
उघर टीएमसी सुनील मंडल को फिर से पार्टी में शामिल करने की संभावना से लगातार इनकार कर चुकी है. सुनील मंडल टीएमसी नेता मुकुल रॉय के काफी करीब बताये जाते हैं. पूर्वी बर्धमान जिले के टीएमसी प्रवक्ता प्रसेनजीत दास ने मंडल को शामिल किये जाने को लेकर कहा, “हमारी पार्टी की नेता ममता बनर्जी और हमारे अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बंदोपाध्याय तय करेंगे कि पार्टी में किसे शामिल किया जाएगा या नहीं.
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वाई प्लस कैटगरी के तहत सुरक्षा
वाई प्लस (Y+) कैटेगरी की सुरक्षा के तहत 11 सीआरपीएफ जवान शिफ्ट के हिसाब से सुरक्षा देते हैं. इसमें मोबाइल सिक्यॉरिटी के लिए दो गनमैन और एक आवास की सुरक्षा के लिए होते हैं. सुरक्षा की कैटेगरी खतरे के हिसाब से चुनी जाती है. इंटेलिजेंस ब्यूरो गृह मंत्रालय को खतरे की जानकारी देता है, जिसके बाद यह सुनिश्चित किया जाता है कि खतरा कितना बड़ा है उस हिसाब से सुरक्षा की कैटेगरी डिसाइड की जाती है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने 9 मार्च को लोकसभा में बताया था कि देश में 230 लोगों को सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जैसे केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की चाट-पापड़ी बिल ! TMC सांसद ने 10 दिन में 12, सात मिनट में एक बिल पास होने पर तंज कसातरफ से ‘जेड प्लस’, ‘जेड’ और ‘वाई’ श्रेणियों के तहत सुरक्षा प्रदान की जा रही है. गृह मंत्रालय ने यह भी बताया था कि इन व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने में हुए व्यय का आकलन नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके लिए सुरक्षा का प्रबंध करने में राज्य सरकारें और अलग-अलग एजेंसियां शामिल हैं.
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