SHAILESH SINGH
Kiriburu : राउरकेला के उदितनगर क्षेत्र में स्थित आदिवासी समुदाय का पवित्र सरना पूजा स्थल पूरे भारत के सबसे बेहतर सरना स्थलों में अपनी पहचान रखता है. यह आदिवासियों के तीर्थ व अन्य के लिये पर्यटक स्थल के रुप में अपनी पहचान बनाये हुए है. इस सरना स्थल को विशेष रूप से देखने झारखंड, ओड़िशा, बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से भारी तादाद में आदिवासी व अन्य लोग पहुंचते हैं. जबकि झारखंड जिसे जंगलों-पहाड़ों समेत आदिवासी बहुल राज्य कहा जाता है लेकिन यहां आदिवासियों के लिये किसी भी जिले में ऐसा सरना स्थल राज्य अलग होने के लगभग 21 साल बाद भी नहीं बन पाया जिसे तीर्थ स्थल के रूप में पहचान मिली हो.

जब आदिवासी महिलाओं ने पुरुष का वेष धर अंग्रेजों को पराजित किया…
इस सरना पूजा स्थल में प्रत्येक गुरुवार को पूजा होती है जहां 400-500 लोग पूजा करने आते हैं. इसके अलावे वर्ष में दो बड़ी पूजा सरहूल एंव जेष्ठ (जेठ) यात्रा का भव्य आयोजन किया जाता है, जहां विभिन्न राज्यों से हजारों आदिवासी व अन्य लोग इसमें शामिल होते हैं. जेठ यात्रा इसलिए आदिवासी विशेष रूप से मनाते हैं क्योंकि अंग्रेजी शासनकाल के दौरान रोहतास गढ़ (बिहार) में आदिवासियों का शासन था एवं एक समय वहां के पुरूष कहीं बाहर चले गये थे तभी अंग्रेजों ने रोहतास गढ़ पर हमला किया. उस समय आदिवासी महिलाओं ने पुरुष का ड्रेस पहन व भेष बदल अंग्रेजों से तीन बार लडा़ई लड़ उसे पराजित किया तब से आदिवासी समुदाय के लोग जेठ यात्रा मनाते आ रहे हैं.

हॉल में एक साथ हजारों लोग खड़े होकर पूजा देख सकते हैं
यह सरना पूजा स्थल भवन को प्रकृति से जुड़ी फुल के आकार (गोलाकार) में बनाया गया है जिसके बीचों-बीच पूजा स्थल एवं पेड़-पौधे हैं तथा चारों तरफ से गोलाकार आकार दिया गया है. बाहर बडे़ हॉल बनाये गये हैं ताकि वर्षांत व अन्य मौसम में भी इस हॉल में खडे़ होकर हजारों लोग पूजा देख सकते हैं. इस सरना स्थल के दोनों किनारे मुख्य सड़क है. मुख्य सड़क से सीधे पूजा स्थल तक जाने के लिए आरसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है. इस स्थल पर पेयजल, लोगों के रहने, मंच आदि तमाम प्रकार की सुविधा है. इसे औला भव्यता प्रदान करने की योजना है.
आरएसपी ने अब तक इस जमीन को सरना पूजा स्थल के रूप में आवंटित नहीं किया
राउरकेला का उक्त सरना पूजा स्थल राउरकेला स्टील प्लांट (सेल) के लीज क्षेत्र के बडे़ भू-भाग पर कब्जा कर संगठित आदिवासी समाज के लोगों ने बनाना प्रारम्भ किया था लेकिन अभी तक आरएसपी (सेल) प्रबंधन द्वारा उक्त जमीन को नियमतः आदिवासी समाज को सरना पूजा स्थल के रूप में आवंटित नहीं किया है. लेकिन संभवतः जल्द ही वह आवंटित कर सकती है. क्योंकि आदिवासियों का कहना है कि आरएसपी के लीज क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में हमारे लगभग 350 सरना स्थल थे एवं अगर सेल प्रबंधन हमें यह भू-भाग आवंटित नहीं करती है तो हम पूर्व के सभी 350 सरना स्थलों पर अपनी दावेदारी करेंगे. ऐसी स्थिति में सेल प्रबंधन विवादों में नहीं फंसकर एक ही जगह उदितनगर स्थित इस सरना पूजा स्थल की जमीन को ही भविष्य में आदिवासियों को देने की स्वीकृति प्रदान कर दे.