Kharsawan : बुधवार की शाम हरिभंजा में प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा व सुदर्शन श्रीमंदिर में प्रवेश किए. इसके पश्चात वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सभी धार्मिक रस्मों को निभाते हुए श्रीमंदिर स्थित रत्न सिंहासन में बिराजमान कराया गया. इस दौरान विशेष व्यंजन बना कर भोग लगाया गया. प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के विग्रहों को पुरोहित पं प्रदीप दाश सेवायतों ने मंदिर के अंदर प्रवेश कराया.
मंगलवार को एकादशी के कारण नहीं कराया गया था मंदिर में प्रवेश
इससे पूर्व, मंगलवार की शाम ही गुंडिचा मंदिर से चतुर्था मूर्ति श्रीमंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंच गये थे. मंगलवार को एकादशी होने के कारण मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं कराया गया. बुधवार की शाम सबसे पहले सुदर्शन, इसके पश्चात बलभद्र, फिर सुभद्रा माता की प्रतिमा व सबसे अंतिम में प्रभु जगन्नाथ को मंदिर में प्रवेश कराया गया. श्रीमंदिर पहुंचा कर चतुर्था मूर्ति को रत्न सिंहासन में बैठा कर पूजा अर्चना की गयी. इसी के साथ ही बाहुड़ा यात्रा भी संपन्न हो गयी. गुंडिचा यात्रा के दौरान सोशल डिस्टेंन का अनुपालन किया गया. हरिभंजा में श्री मंदिर के मुख्य द्वार में पहुंचने पर जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा व सुदर्शन की पूजा अर्चना कर आरती उतारी गयी. इस दौरान छप्पन भोग व अधरपोणा नीति को निभाया गया. छप्पन भोग में छप्पन तरह के मिष्ठान्न व्यंजन का भोग लगाया गया. इसके पश्चात श्रद्धालुओं में भोग का भी वितरण किया गया. इस दौरान जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, पृथ्वीराज सिंहदेव, राणा सिंहदेव, शचिंद्र दाश, धनंजय सिंहदेव आदि मौजूद रहे.