New Delhi : बुद्ध पूर्णिमा पर शुक्रवार को रात 8 बजकर 44 मिनट से एक बजे तक साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लगा. 15 दिनों के अंतराल पर यह दूसरा ग्रहण है. 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगा था. चंद्रग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 15 मिनट की बताई जा रही है. यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगा. चंद्रग्रहण तब लगता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है और चंद्रमा पर छाया डालती है. यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण है. चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, रूस, अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में देखा गया.
चांद पर एक धुंधली सी परछाई नजर आयी
इस तरह के चंद्रग्रहण में चांद के आकार में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता है, बल्कि चांद के ऊपर एक धूल सी परत जैसे दिखाई देती है. चंद्र ग्रहण तीन तरह का होता है. पहला पूर्ण, दूसरा आंशिक और तीसरा पेनुमब्रल चंद्रग्रहण. खगोल शास्त्र के अनुसार जब भी चंद्र ग्रहण लगता है, तो ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है. इसे अंग्रेजी भाषा में पेनुमब्र कहते हैं. यह न तो पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है और न ही आंशिक चंद्र ग्रहण, बल्कि इसमें चंद्रमा की छाया न पड़कर एक उपछाया पड़ती है, जिसमें चांद पर एक धुंधली सी परछाई नजर आती है.
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