Kolkata : पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बंगाल को विभाजित करने का प्लान बना रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा का एक वर्ग उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश कर रहा है। ममता ने कहा कि वे किसके हित में बंगाल को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं? मैं किसी को भी बंगाल को बांटने की इजाजत नहीं दूंगी. इसके जवाब में भाजपा की राज्य इकाई ने कहा कि वह बंगाल को विभाजित करने के किसी भी कदम को स्वीकार नहीं करती है और ममता बनर्जी जिन विचारों का जिक्र कर रही हैं, वे कुछ व्यक्तियों के हो सकते हैं.
इसे भी पढ़ें : अकाली दल और बसपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया, सुखबीर सिंह बादल पुलिस हिरासत में
पार्टी ने इस तरह के किसी भी मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की : सायंतन बसु
खबर है कि पार्टी के जलपाईगुड़ी इकाई के नेताओं ने कहा कि इस मांग पर एक वर्चुअल मीटिंग हुई. कहा कि संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे को उठाया जायेगा. इस पर राज्य भाजपा महासचिव सायंतन बसु का कहना था कि यह सूचना झूठी है. हमने कभी किसी अलगाववादी भावना का समर्थन नहीं किया. कहा कि पश्चिम बंगाल को गोरखालैंड जैसे आंदोलनों का सामना करना पड़ा है लेकिन हम अपने रुख पर अडिग रहे हैं.
सायंतन बसु के अनुसार पार्टी ने इस तरह के किसी भी मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की. उन्होंने कहा, ‘अगर किसी व्यक्ति की कोई अलगाववादी महत्वाकांक्षा है तो वह इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते. राज्य उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने बसु के बयान का समर्थन करते हुए कहा, टीएमसी हमारी पार्टी (भाजपा) को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.
इसे भी पढ़ें : राम मंदिर जमीन खरीद विवाद : ट्रस्ट ने केंद्र और आरएसएस को भेजी रिपोर्ट, 18 करोड़ में क्यों ली जमीन?
एक राज्य का आंदोलन संभव नहीं है लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनाना संभव है
भाजपा के जलपाईगुड़ी उपाध्यक्ष, आलोक चक्रवर्ती ने हालांकि स्वीकार किया कि एक बैठक हुई थी जिसमें नेताओं ने भाग लिया. चक्रवर्ती ने कहा, “यहां कुछ समय से यह मांग की जा रही है, मुख्य रूप से इस क्षेत्र की उपेक्षा और विकास नहीं होने के कारण. यही कारण है कि उत्तर बंगाल अलगाववादी आंदोलनों का गढ़ है. कहा कि एक राज्य का आंदोलन संभव नहीं है लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनाना संभव है. इस मुद्दे को संसद के मानसून सत्र में उठाया जायेग. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि या खंडन नहीं किया कि भाजपा के दो सांसद वर्चुअल मीटिंग का हिस्सा थे या नहीं.
इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने इटालियन मरीन के खिलाफ बंद किया केस , केरल के मछुआरों के परिवार को 4-4 करोड़ का मुआवजा
केंद्र शासित प्रदेश का अर्थ है दिल्ली की दया पर निर्भर रहना
इस क्रम में ममता बनर्जी ने कहा, केंद्र शासित प्रदेश का क्या मतलब है? इसका मतलब है लोगों के अधिकारों को छीनना. ममता बनर्जी ने सोमवार को जलपाईगुड़ी बैठक के बारे में आ रही रिपोर्टों को लेकर कहा, केंद्र शासित प्रदेश का अर्थ है दिल्ली की दया पर निर्भर रहना और सारी स्वतंत्रता खोना. लेकिन मैं उत्तर बंगाल या बंगाल के किसी अन्य हिस्से को अपनी स्वतंत्रता खोने और दिल्ली पर निर्भर होने की अनुमति नहीं दूंगी. सीएम ने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी मर्जी से देश को बांटने की कोशिश कर रही है, उन्होंने कहा, यह गहने बांटने वाली रानी की तरह व्यवहार कर रही है. अपने अपमानजनक चुनावी हार के बाद उन्हें शर्म आनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, वे बंगाल को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.