Kolkata : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई करेगी. यह फैसला कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की पीठ ने आज गुरुवार को सुनाया. इस फैसले से ममता बनर्जी की सरकार बैकफुट पर आ गयी है. बता दें कि 3 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने हिंसा से संबंधित जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हिंसा की निष्पक्ष जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर पीठ ने फैसला सुनाया है.
Calcutta High Court orders a court-monitored CBI probe into the incidents of post-poll violence in West Bengal pic.twitter.com/QmSQBQRjgA
— ANI (@ANI) August 19, 2021
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हिंसा से पीड़ित लोगों को क्षतिपूर्ति देने का हाईकोर्ट का निर्देश
फैसले में कहा गया है कि चुनाव बाद हिंसा की जांच सीबीआई करेगी. अस्वाभाविक मृत्यु, हत्या और रेप सहित अन्य अधिक महत्व के अपराध के मामलों की जांच सीबीआई करेगी, जबकि अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय सिट (SIT) का गठन किया गया है. जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को देगी. इसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश करेंगे. खबर है कि कोर्ट ने आज अपने फैसले में राज्य मानवाधिकार की रिपोर्ट को मान्यता दी. हिंसा की जांच के लिए गठित सिट अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की खंडपीठ को सौंपेगी यदि कोई और शिकायत रहेगी, तो उसे खंडपीठ के समक्ष लाना होगा. इस क्रम में हिंसा से पीड़ित लोगों को क्षतिपूर्ति देने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है.
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मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट पर कोर्ट की मुहर
बता दें कि पूर्व में पांच सदस्यीय पीठ ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच के लिए एनएचआरसी के चेयरमैन को एक कमेटी बनाकर जांच कराने का आदेश दिया था. सूत्रों के अनुसार जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी माना है. कमेटी ने सिफारिश की थी कि दुष्कर्म व हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाये.
इन मामलों की सुनवाई बंगाल के बाहर हो. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अन्य मामलों की जांच भी कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल से कराई जाना चाहिए. फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाये जाए, विशेष लोक अभियोजक तैनात किये जाने और गवाहों को सुरक्षा दिये जाने की बात रिपोर्ट में कही गयी है. आज मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को मान्यता देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि शीघ्र ही हिंसा से संबंधित मामले सीबीआई को स्थानांतरित किये जायें
टीएमसी ने नाराजगी जताई
I’m unhappy with verdict. If in every law&order matter which is entirely within State govt’s jurisdiction the CBI comes in it is transgression on State’s right. I’m sure state govt will judge the situation&take a decision to appeal to a higher court if necessary:Saugata Roy, TMC pic.twitter.com/oHdTO9PEWF
— ANI (@ANI) August 19, 2021