Adityapur : आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार का दिन हर उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए त्योहार का दिन है. यहां सभी औद्योगिक इकाइयों में सभी वर्ग कर्मचारी, मालिक और मज़दूर एकसाथ इस त्योहार को बनाते हैं. इस त्योहार में क़रीब हर उद्योग में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना होती है, जिसमें लोहे के यंत्रों को पूजा जाता है, साथ ही ट्रकों और वाहनों को भी पूजा जाता है. कारख़ाना में ही भोजन का प्रबंध, गाना-बजाना की व्यवस्था की जाती है, मजदूर वर्ग के लोग घर के लिए भी खाना ले जा सकते हैं. साथ ही मिठाई का वितरण एवं कूपन देकर पूर्ण रूप से छूट्टी दी जाती है.
1972 में हुई थी औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना
1972 में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एआईएडीए) की स्थापना बिहार सरकार द्वारा की गयी थी. उस समय यहां सिर्फ़ 50 उद्योग थे. बिहार सरकार ने इंडस्ट्रीज़ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एआईएडीए का गठन किया था. वर्तमान में इसकी संख्या बढ़कर 1500 के क़रीब हो गयी है, जिनमें 1 लाख से अधिक मज़दूर काम करते हैं.
कोरोना गाइडलाइन का पालन कर हो रही पूजा
पिछले वर्ष सितंबर माह में कोरोना की पहली लहर के चरम पर होने के कारण और पूर्ण लॉकडाउन लगे रहने के कारण आदित्यपुर की ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां बंद पड़ी थीं. उद्योगों की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गयी थी. कंपनियों की आर्थिक स्थिति भी खराब होने के कारण पिछले वर्ष विश्वकर्मा पूजा का त्योहार नहीं मनाया गया. लेकिन इस साल औद्योगिक क्षेत्र में रौनक धीरे-धीरे लौटने लगी है. कोरोना के गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सभी कारख़ाना मालिक और कर्मचारी इस त्योहार को हर्षाेल्लास के साथ मना रहे हैं. आदित्यपुर के उद्योगों में काम करनेवालों के लिए कोरोना का टीका अनिवार्य कर दिया गया है, इसके बावजूद यदि किसी मज़दूर या कर्मचारी ने टीका नहीं लगवाया है, तो उसे पूजा में आने से रोक दिया गया है.