NewDelhi : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी द्वारा अपनी नयी किताब 10 फ्लैश प्वाइंट; 20 साल में तत्कालीन मनमोहन सरकार (26/11 मुंबई हमला मामले में) की आलोचना किये जाने पर एक नये विवाद ने जन्म ले लिया है. मनीष तिवारी की किताब पर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गयी है. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा किताब में कुछ भी गलत नहीं कहा गया है. कहा कि यह कांग्रेस की विफलता का कबूलनामा है. दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में गौरव भाटिया ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा किया.
Happy to announce that my Fourth Book will be in the market shortly – ’10 Flash Points; 20 Years – National Security Situations that Impacted India’. The book objectively delves into every salient National Security Challenge India has faced in the past two decades.@Rupa_Books pic.twitter.com/3N0ef7cUad
— Manish Tewari (@ManishTewari) November 23, 2021
भाटिया ने पूछा कि क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी मनीष तिवारी की किताब में किये गये दावे पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे? भाटिया ने किताब का जिक्र करते हुए कहा कि इस तथ्य के बाद आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस की सरकार निठल्ली, निकम्मी थी. कहा कि राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उनको चिंता नहीं थी. हर भारतीय यह बात कहता था, भाजपा भी यही बात कह रही थी. आज कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था. जान लें कि संवाददाता सम्मेलन में गौरव भाटिया ने कांग्रेस पार्टी पर आरोपों की बौछार कर दी.
इसे भी पढ़ें : मनीष तिवारी बगावती मूड में, मनमोहन सरकार पर हल्ला बोला, अपनी किताब में लिखा, 26/11 के बाद पाक पर कार्रवाई नहीं करना कमजोरी
मनीष तिवारी ने 10 फ्लैश प्वाइंट; 20 साल नाम से किताब लिखी
बता दें कि मनीष तिवारी ने 10 फ्लैश प्वाइंट; 20 साल नाम से एक किताब लिखी है. किताब में मनीष तिवारी ने मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर यूपीए सरकार की आलोचना की. मनीष तिवारी ने लिखा है कि मुंबई हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी. यह भी लिखा कि कार्रवाई न करना कमजोरी की निशानी है.
मनीष तिवारी ने अपनी किताब में लिखा कि जब किसी देश (पाकिस्तान) को अगर निर्दोष लोगों के कत्लेआम करने का कोई खेद नहीं तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है. 26/11 एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई करने की जरूरत थी. मनीष तिवारी ने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी.
इसे भी पढ़ें : गलवान घाटी में चीनी सेना के दांत खट्टे करने वाले वीर शहीदों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया