NewDelhi : पीएम नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को अपने मन की बात में कई विषयों पर चर्चा की. मोदी ने वैक्सीनेशन को लेकर कहा कि हमारे vaccine कार्यक्रम की सफलता, भारत के सामर्थ्य को दिखाती है, सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है. मन की बात में 100 करोड़ वैक्सीनेशन पूरा होने पर पीएम ने हेल्थवर्कर्स का आभार जताते हुए कहा, मैं अपने देश, अपने देश के लोगों की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हूं. जानता था कि हमारे हेल्थवर्कर्स देशवासियों के टीकाकरण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हेल्थवर्कर्स इनोवेशन के साथ अपने दृढ़ निश्चय से मानवता की सेवा का नया मानक स्थापित किया. चुनौतियों को पार करते हुए सुरक्षा कवच दिया. एक से बढ़कर एक अनेक प्रेरक उदाहरण हमारे सामने हैं.
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एकजुट उद्यम से ही देश को महान ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले रविवार 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जी की जयंती है. मैं लौहपुरुष को नमन करता हूं। 31 अक्टूबर को हम राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाते हैं. हम एकता का संदेश देने वाली किसी न किसी एक्टिविटी से जरूर जुड़ें. कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी उरी से लेकर पठानकोट तक बाइक रैली निकालकर एकता का संदेश दे रहे हैं. मोदी ने कहा,सरदार साहब कहते थे कि हम अपने एकजुट उद्यम से ही देश को नयी महान ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं.
अगर हममें एकता नहीं हुई तो हम खुद को नयी-नयी विपदाओं में फंसा देंगे. यानी राष्ट्रीय एकता है तो ऊंचाई है, विकास है. कहा कि हमारी आजादी का आंदोलन तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.
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सभी इंसानों को समान बनाया गया है
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले महीने, 15 नवंबर को हमारे देश के महापुरुष, वीर योद्धा, भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म-जयंती आने वाली है. भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति, अपने जंगल, अपनी जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया. उन्होंने हमें अपनी संस्कृति और जड़ों की प्रति गर्व करना सिखाया. 1947-48 में जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का सार्वभौमिक घोषणापत्र तैयार हो रहा था तो इस घोषणा में लिखा जा रहा था कि सभी पुरुषों को समान बनाया गया है. लेकिन भारत के एक प्रतिनिधि ने इस पर आपत्ति जताई और फिर वैश्विक घोषणापत्र लिखा- सभी इंसानों को समान बनाया गया है.
PM ने कहा कि पहले धारणा बन गयी थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है, लेकिन आज ऐसा नहीं है. पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी हो गयी है.
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25 अगस्त को देश नयी ड्रोन नीति लेकर आया
मोदी ने कहा कि पहले ड्रोन के सेक्टर में इतने नियम और प्रतिबंध लगाकर रखे गये थे कि इसकी असली क्षमता का इस्तेमाल भी संभव नहीं था. जिस तकनीक को अवसर के तौर देखा जाना चाहिए था, उसे संकट के तौर पर देखा गया. उन्होंने कहा कि अगर आपको किसी भी काम के लिए ड्रोन उड़ाना है तो लाइसेंस और परमिशन का इतना झंझट होता था कि लोग ड्रोन के नाम से ही तौबा कर लेते थे. हमने तय किया कि इस माइंडसेट को बदला जाये और नये ट्रेंड को अपनाया जाये. इसलिए इस साल 25 अगस्त को देश नयी ड्रोन नीति लेकर आया.