LagatarDesk : भारत में विनिर्माण गतिविधियां (मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस) की सेहत बताने वाले मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) में अक्टूबर माह में बड़ी गिरावट आयी. एसएंडपी ग्लोबल के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 से घटकर 55.5 हो गयी है, जो 8 माह का सबसे निचला स्तर है. नये ऑर्डर में नरमी से उत्पादन वृद्धि में कमी आयी है.
सूचकांक 50 के ऊपर रहने का मतलब विस्तार
मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में गिरावट के बावजूद लगातार 28वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार के संकेत मिले हैं. पीएमआई का सूचकांक 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार है. जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है. एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि नया ऑर्डर में नरमी से सूचकांक एक साल के निचले स्तर पर फिसल गया. कुछ कंपनियों ने अपने उत्पादों की मौजूदा मांग को लेकर चिंता जाहिर की है.
कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंची
सर्वेक्षण के अनुसार, कुल नए ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात, खरीदारी के स्तर तथा खरीद में धीमी ही सही पर पर्याप्त बढ़ोतरी हुई. नियुक्ति गतिविधि फीकी पड़ गयी और कारोबारी विश्वास पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गयी. वास्तविक सबूतों से पता चलता है कि कुछ उत्पादों की धीमी मांग और भयंकर प्रतिस्पर्धा ने तेजी को रोक दिया है. नौकरियों की बात की जाये तो चार प्रतिशत से भी कम कंपनियों ने अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा और 95 प्रतिशत ने कार्यबल संख्या अपरिवर्तित रही. रोजगार सृजन की दर मामूली और अप्रैल के बाद से सबसे धीमी है. कीमतों की बात करें तो लागत दबाव बढ़ा है. जबकि ‘आउटपुट’ मूल्य मुद्रास्फीति कम हो गयी.