Majhgaon (Md Wasi) : वन संरक्षण नियम 2022 को निरस्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को कुमारडुंगी के प्रखंड ग्राम सभा मंच द्वारा पैदल मार्च निकाल गया. इसमें शामिल ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम पर कुमारडुंगी अंचलाधिकारी सुषमा लकड़ा को एक ज्ञापन सौंपा. पैदल मार्च में मझगांव विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांव के सैकड़ों लोग शामिल थे. मार्च बालिका उच्च विद्यालय कुमारडुंगी मैदान से कुमारडुंगी मुख्य चौक तक निकाली गई. चौक पर वन संरक्षण नियम 2022 की प्रति को जलाकर सभी ने विरोध जताया. इसके उपरांत कुमारडुंगी प्रखंड कार्यालय प्रांगण में धरना देकर रोष जताया.
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उद्योगपतियों को मिलेगा फायदा : ग्रामीण
ज्ञापन के जरिए ग्राम सभा मंच ने वन संरक्षण नियम 2022 को निरस्त करने की मांग की है. मंच का कहना ही कि यह नियम उद्योगपतियों को बड़े पैमाने पर वन भूमि उपलब्ध कराने हेतु बनाया गया है. जबकि वनाधिकार प्रमाण पत्र के अनुसार इसपर ग्राम सभा का अधिकार है. इसी अधिकार के तहत विभिन्न अधिनियम के आधार पर ग्राम वासियों को सूखी लकड़ी एकत्रित कर जलावन एवं घरेलू उपयोग हेतु संग्रहण करने, निजी उपयोग के लिए पत्थर लाने, मवेशी चराने व चारा लाने, मकान निर्माण व मरम्मति के लिए लकड़ी लाने का अधिकार है.
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वनाधिकार निगरानी समिति से गलतियों को सुधारने का अनुरोध
इसके अलावा उन्होंने मांग किया है कि वनाधिकार प्रमाण पत्र में 50 एकड़ भूमि पर मान्यता दिया गया है, जबकि कुल रकवा लगभग सभी गांव का 560 एकड़ से अधिक भूमि पर ग्राम सभा की ओर से दावा किया गया है. काटौती कर के मान्यता दिया जाना विधि संगत नहीं है. अतः जितना वन भूमि पर दावा किया है प्रमाण पत्र में उतना ही अंकित किया जाए. उन्होंने राज्य स्तरीय वनाधिकार निगरानी समिति से अनुरोध किया है कि जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा की गई गलतियों को सुधार करते हुए सही वनाधिकार प्रमाण पत्रों को सुधार करने की दिशा-निर्देश जारी करें. साथ ही अनुमंडल कार्यालय में लंबित पड़े वनाधिकार प्रमाण पत्र को अविलंब वितरित किया जाए.