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Ranchi : झारखंड कल्याण विभाग की ओर से सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों को बीमारी में आर्थिक सहायता प्रदान करती है. इसके लिए विभाग चिकित्सा सहायता योजना चला रहा है. योजना के तहत किसी तरह की बीमारी या सर्जरी होने पर या कैंसर के इलाज के लिए आर्थिक सहायता देने का प्रवाधान है. अब सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए इसमें कोविड होने पर भी लाभ देने का प्रवाधान शुरू किया है. अगर आप अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग में आते हैं और आपको कोविड हुआ है या हुआ था या आप होम आइसोलेशन में थे, तो सरकार आपको 2500 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता देगी. वहीं अब इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना कर दिया गया है.
सामान्य बीमारी में सहायता राशि की गयी कम
पूर्व में चलायी जा रही चिकित्सा सहायता योजना में किसी बीमारी के होने पर 10,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती थी. वहीं कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में पौष्टिक आहार के लिए लगभग 15000 रुपये देती थी. पर अब सरकार ने इसमें भी संशोधन किया है. जानकारी के अनुसार, अब सामान्य बीमारी के लिए सरकार ने सहायता राशि में थोड़ी कमी की है. कैंसर के लिए सहायता राशि बढ़ायी गयी है. पूर्व में कोविड काल में कल्याण विभाग के पास कई आवेदन कोविड से संक्रमित होने पर आर्थिक सहायता लेने के लिए आ रहे थे. इसे देखते हुए अब कोविड के लिए अलग से लोगों को सहायता दी जायेगी. लाभुक को योजना का लाभ पीएफएमएस के जरिए दी जायेगी.
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1500 से 25,000 रुपये तक का सहायता देगी सरकार
योजना के तहत लाभ दो वर्गों में दिया जाता है. पहला – 18 से अधिक उम्र वालों को और दूसरा 18 से कम उम्र वालों को. 18 से अधिक उम्र वालों को बीमारी के 7 दिन से अधिक होने पर 3000 से 5000 रुपये, कोविड के लिए 5000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये की सहायता और कैंसर होने पर लगभग 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी. वहीं 18 से कम उम्र वालों को सरकार बीमारी के 7 दिन से अधिक होने पर 1500 से लेकर 2500 रुपये, कोविड होने पर 2500 से लेकर 5000 रुपये और कैंसर होने पर 15000 रुपये की सहातया राशि देगी.
क्रियान्वयन के लिए कमेटी का गठन, डीसी होंगे अध्यक्ष
योजना के लाभ के लिए प्रखंड कार्यालय, जिला कल्याण पदाधिकारी या परियोजना निदेशक आईटीडीए के कार्यालय में आवेदन जमा किया जा सकता है. फिलहाल वित्तीय वर्ष 2021-22 में चल रही चिकित्सा सहायता योजान के लिए विभाग ने 6 करोड़ रुपये का बजट पास किया था. इसके सफल क्रियान्वयन के लिए अब सरकार ने एक नई कमेटी का भी गठन किया है. कमेटी के अध्यक्ष डीसी होंगे. वहीं आईटीडीए के परियोजना निदेशक या जिला कल्याण पदाधिकारी सदस्य सचिव होंगे. कमेटी में सिविल सर्जन और विधायक प्रतिनिधि सदस्य होंगे.
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दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सहायता
सरकार का मानना है कि वर्तमान स्थिति में जब वैश्विक कोविड महामारी से ज्यादा से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं, इससे उनकी जीविका पर भी प्रभाव पड़ रहा है. और इसलिए योजना में संशोधन की जरूरत है. बीमारी के समय और उसके कुछ समय बाद तक पीड़ित को अपने और परिवार की दैनिक जरूरतों की पूरा करने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है. वहीं इस दौरान पौष्टिक आहार की भी जरूरत सबसे अधिक होती है. देखा गया है कि गरीब परिवार के लोग पौष्टिक आहार की पूर्ति करने में असमर्थ होते हैं. कोविड भी इसी में एक है. और इसके लिए ही सरकार लोगों को सहायता प्रदान करना चाहती है.
लाभ लेने के लिए लाभुक के पास इन दस्तावेजों का होना अनिवार्य है
– लाभुक के पास राशन कार्ड होना अनिवार्य है.
– जाति प्रमाण पत्र.
– बीमारी से संबंधित प्रमाण पत्र.
– आधार कार्ड.
– बैंक खाता नंबर (पासबुक)
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