Ranchi: मोरहाबादी मैदान से पद यात्रा करते हुए राजभवन के समक्ष पहुंचे अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड एनआरएचएम, एएनएम, जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ का आक्रोश कम नहीं हुआ. पुलिस के लाख समझाने की कोशिश भी नाकाम रही. प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास जाने की मंशा पहले ही जाहिर कर चुके थे. इंकलाब-जिंदाबाद के नारों के बीच प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने राजभवन के पास बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. यहां प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की. हल्की लाठी भी चटकाई. बावजूद प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गए. हालांकि भीड़ को रोकने की कोशिशों के बाद प्रशासन ने आधे लोगों को राजभवन के मेन गेट के ठीक पास बैरिकेडिंग कर रोकने में कामयाब जरूर रही, लेकिन तब तक सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन कर रहे अनुबंध कर्मियों की भीड़ सूचना भवन के पास पहुंच कर सड़क पर बैठ गई. यहां करीब दो घंटे तक सड़क पर बैठ कर सरकार से वार्ता के बुलावे का इंतजार करती रही. लेकिन बात नहीं बनी. जिसके बाद कर्मी राजभवन के पास जाकर सभा करने लगे.
अनुबंध कर्मियों को स्थायी करने का हेमंत सोरेन ने किया था वादा
दरअसल, अनुबंध कर्मियों का आक्रोश झारखंड सरकार के खिलाफ देखने को मिला. करीब 10-15 सालों तक अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है. जबकि सरकार के चुनावी वादों के साथ घोषणापत्र में भी इन्हें नियमित करने की बात का जिक्र किया गया था.
कोरोना महामारी में अहम भूमिका निभाने वाले कर्माचारियों की सरकार को नहीं है परवाह
झारखंड राज्य एनआरएचएम, एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की प्रदेश महासचिव वीणा कुमारी ने कहा कि कोरोना जैसी गंभीर परिस्थिति में भी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में हम लोगों ने काम करते हुए झारखंड को सुरक्षित रखा है. बावजूद इसके सरकार का रवैया हम सभी अनुबंधित कर्मचारियों के प्रति उदासीन है. जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है राजभवन के समक्ष प्रदर्शन जारी रहेगा.
राज्य सरकार सभी अनुबंधित कर्मचारियों को करे समायोजित
झारखंड राज्य एनआरएचएम,एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि पूर्व में स्वास्थ्य विभाग के पारा मेडिकल कर्मचारियों की संचिका संख्या 10/पारा मेडिकल 7 जुलाई 2012 नियमावली रांची, 30 जनवरी 2014 नियमावली द्वारा समायोजन किया गया है. उसी तर्ज पर अनुबंधित कर्मचारियों को समायोजित किया जाये.
इसे भी पढ़ें- धनबाद: सत्ता व माफिया ताकतों ने मिलकर कराई थी महेंद्र सिंह की हत्या: सुधीर महतो
आंदोलन में ये हुए शामिल
झारखंड के 24 जिलों के अनुबंध पर काम करने वाले फार्मासिस्ट, एक्सरे टेक्नीशियन, एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन शामिल हुए.
पुरूष पुलिस के जवानों के द्वारा रोकने को लेकर महिला प्रदर्शनकारियों का फूटा आक्रोश
अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई है. आंदोलनकारियों का कहना था कि महिलाओं को रोकने के लिए पुरुष पुलिस किस हैसियत से उनके साथ धक्का-मुक्की कर रही हैं.
तस्वीरों मेंः जाम में फंसे स्कूल बच्चे और एंबुलेंस
बात करें पारा मेडिकल कर्मियों के आंदोलन से लोगों को हुई परेशानी की तो वो भी कम नहीं है. पारा कर्मियों के विरोध के कारण सड़क पर पूरे दिन जाम की स्थिति रही. स्कूल बसें घंटों जाम में फंसी रहीं. इस दौरान स्कूली बच्चों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. जरूरी काम से जाने वाले लोग घंटों जाम में फंसे रहे.