Satya Sharan Mishra
Ranchi : राजधानी रांची, जमशेदपुर और धनबाद शहर में जल्द मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी. इसपर नगर विकास विभाग ने काम शुरू कर दिया है. इसी हफ्ते विभाग की एक टीम नासिक जायेगी और वहां मेट्रो नियो प्रोजेक्ट के बारे में समझेगी और फिर वापस आकर प्रस्ताव तैयार करके केंद्र को भेजा जाएगा. केंद्र की मंजूरी मिलते ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि फरवरी महीने में केंद्र सरकार ने राज्य से मेट्रो नियो चलाने को लेकर प्रस्ताव मांगा था. 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहर रांची, जमशेदपुर और धनबाद की सड़कों और ट्रैफिक का आकलन कर केंद्र को भेजा जाना था. कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से 5 महीने तक यह प्रोजेक्ट अधर में लटका रहा.
रबर के टायर पर चलेगी मेट्रो नियो
केंद्र सरकार ने बड़े शहरों में मेट्रो की तर्ज पर छोटे शहरों में मेट्रो नियो शुरू करने की व्यवस्था की है. मेट्रो के मुकाबले मेट्रो नियो आधे से भी कम खर्च में बनते हैं. रबर की टायर पर चलने वाले तीन कोच वाली इस मेट्रो से रांची, जमशेदपुर और धनबाद की ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक दूर होगी. इसके स्टेशन परिसर के लिए बड़ी जगह की भी जरूरत नहीं होती है. मेट्रो नियो सड़क की सतह पर भी चल सकती है. हालांकि इसमें यात्रियों के बैठने की क्षमता सामान्य मेट्रो से कम है.
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एलिवेटेड मेट्रो में 350, मेट्रो नियो में सिर्फ 200 करोड़ का खर्च
मेट्रो नियो के हर कोच में 200 से 300 लोग सफर कर सकते हैं. यानी मेट्रो नियो में एक साथ 700 से 800 लोग सफर कर सकते हैं. इसके लिए सड़क से अलग एक डेडिकेटेड कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. मेट्रो नियो बनाने में खर्च भी काफी कम आता है. अभी एक एलिवेटेड मेट्रो को बनाने में प्रति किलोमीटर का खर्च 300-350 करोड़ रुपये आता है. अंडरग्राउंड मेट्रो में यही लागत 600 से 800 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है, जबकि एक मेट्रो नियो 200 करोड़ तक के खर्च में कंप्लीट हो जाता है.
मेट्रो नियो के चलने से सुधरेगी ट्रैफिक व्यवस्था
राजधानी रांची की आबादी 15 लाख से अधिक है, लेकिन उसकी तुलना में न सड़कें हैं और न पब्लिक ट्रांस्पोर्ट. पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर राजधानी में करीब 25 सिटी बसें नियमित रूप से चल रही हैं, जबकि हर रोज तीन लाख से ज्यादा लोग राजधानी की सड़कों में आवाजाही करते हैं. हजारों ऑटो और प्राइवेट गाड़ियां से भी लाखों लोग सफर करते हैं. इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है. आये दिन सड़कों पर लंबा जाम लगता है. मेट्रो नियो के चलने से ट्रैफिक व्यवस्था काफी हद तक दुरुस्त हो सकती है.
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सर्वे के बाद केंद्र को जल्द भेजा जायेगा प्रस्तावः विनय चौबे
नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने बताया कि कोरोना की वजह से सारे कामकाज ठप थे. इस वजह से मेट्रो नियो का प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा जा सका है. एक-दो दिन में नगर विकास विभाग की टीम नासिक जायेगी और वहां से नियो मेट्रो ट्रेन के परिचालन, रखरखाव, खर्च और ट्रैफिक संबंधी आकलन करेगी. वहां से लौटकर टीम रिपोर्ट सौंपेगी, फिर यहां के शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था का आकलन किया जायेगा और उसके बाद प्रस्ताव तैयार करके केंद्र को भेजा जाएगा.