Vijay Kesari
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवीं बार देश का बजट प्रस्तुत किया है. यह नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट है. 2024 में लोकसभा सहित नौ राज्यों में चुनाव होना है. सरकार का दावा है कि यह बजट आम आदमियों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा. उम्मीद है इस बजट से महंगाई पर रोक लग पाएगी. आयकर स्लैब में बढ़ोतरी से मध्यमवर्गीय करदाता काफी खुश नजर आ रहे हैं. इस बजट से घाटे में चल रहे उद्योगों को नया जीवनदान मिलेगा. वर्ष 2023-24 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस रूप में प्रस्तुत किया है, यह देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला बजट है. प्रस्तुत बजट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘विकसित भारत बनाने में यह बजट श्रेयस्कर होगा. उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया है कि नए बजट के नए संकल्पों को लेकर चलें और वर्ष 2047 में समृद्ध भारत, समर्थ भारत और हर प्रकार से संपन्न भारत की यात्रा को आगे बढ़ाएं. हम नए लक्ष्य हासिल करके रहेंगे.’
बजट पर जिस आशा विश्वास के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपना वक्तव्य रखा है, गिनती वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान किया है. इस बजट से भारत का आयात और निर्यात दोनों बढ़ेगा. कोरोना महामारी ने जो भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया, उससे अभी तक देश पूरी तरह उबर नहीं पाया है. इसके बावजूद हमारा देश विश्व में सबसे तेजी से उभरते आर्थिक विकास के लक्ष्य को हासिल किया. इन तमाम दुश्वारियों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस उम्मीद के साथ एक फरवरी को बजट प्रस्तुत किया है, इसका देश की अर्थव्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ना चाहिए.
2024 में देश में लोकसभा एवं कई राज्यों में जो चुनाव होने वाले हैं, उसे भी ध्यान में रखकर, बजट का माइलेज लेने के लिए केंद्र सरकार ने ऐसा जन हितकारी बजट प्रस्तुत किया है. प्रस्तुत बजट के अनुसार देश का विकास दर 7 % रहने की उम्मीद जताई गई है. निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. कुल खपत में चालू वित्त वर्ष में 7% तक की वृद्धि का अनुमान है. पिछले वित्त वर्ष को प्रभावित करने वाले सेवा क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष में 9. 2 % बढ़ोतरी का अनुमान है. वहीं औद्योगिक क्षेत्र में 12.8 % तो उत्पादन में 13.5% बढ़ोतरी की गयी है. इन तमाम बिंदुओं के अध्ययन से प्रतीत होता है कि इस बजट से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे को कम करना चाहती है. देश के विकास को गति प्रदान करना चाहती है. इस बजट से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में निवेश बढ़ेगा. यह बजट जिस रूप में हम लोगों के समक्ष आया है, इससे बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. नए उद्यमों के खुलने के अवसर बढ़ेंगे. आयात और निर्यात दोनों सुधरेंगे. इससे देश की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त सुधार होगा.
प्रस्तुत बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चमकता हुआ सितारा माना है. दुनिया में भारत का कद बढ़ा है. भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में चल रही है. भारत सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है. संसद में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने बताया कि हमने कोरोना काल में यह सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखा न सोए. सरकार ने दो लाख करोड़ रुपये खर्च करके हर व्यक्ति को खाद्यान्न सुनिश्चित किया. उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में सात प्राथमिकताएं हैं. वहीं, किसानों के बारे में बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में डिजिटल ग्रोथ पर जोर दिया जाएगा. इसी के साथ नए रोजगार पैदा करने पर है. टैक्सपेयर्स के लिए भी बड़ी घोषणा की है.
अब नई कर व्यवस्था में सात लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई नया कर नहीं लगेगा. इस आयकर दायरे में मध्यम वर्ग के लोग आते हैं. अब नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख रुपए तक सालाना आय टैक्स फ्री हो गई है. जब यह छूट पहले 5 लाख थी. पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर दी गई है. वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुआ है. अव 0 से ₹3 लाख 5%, 6 से 9 लाख तक 10%. 9 लाख से 12 लाख तक 15%, 12 लाख से से ₹15 लाख तक 20%, 15 लाख से ऊपर के सालाना आय पर 30% आयकर लगेगा. जैसा कि अंदेशा था कि इस बजट में डीजल और पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाने से देशवासियों को बड़ी राहत हुई है.
इस बजट से उत्पादन कर्ताओं, किसानों और उद्यमियों को लाभ मिलेगा. इससे देश की अर्थव्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. यह बजट देश के चतुर्दिक विकास के लिए एक कारगर बजट है. हमारा देश आत्मनिर्भर कैसे बने? इसपर बहुत ही ध्यान दिया गया है. सरकार की भी ऐसी मंशा है कि उपभोक्ता सामग्री भारत में निर्मित हों और देश में ही इसकी बिक्री सुनिश्चित हो. देश में विदेशी वस्तुएं नहीं आएं, इस निमित्त बजट तैयार किया गया है. यह बजट देश में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की दिशा में एक सार्थक पहल होगी. उद्यमों को चलाने के लिए रॉ मैटेरियल भी देशी हो, इसका भी ख्याल रखा गया है. अगर ये बातें जमीन पर उतरती हैं, तो आने वाले समय में इसका सीधा लाभ देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा.
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि देश के बेरोजगारों को नौकरी मिल पाएगी. देशवासियों की माली हालत सुधरेगी. लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी. बजट के प्रावधानों से इलेक्ट्रॉनिक के सामानों की कीमतें भी यथावत रहेंगी. यह समय की भी मांग है. इससे देश के उद्यमियों को बहुत राहत मिलेगी. बजट के प्रावधानों से कई खाद्य सामग्री की कीमतों में मामूली वृद्धि होगी. फलस्वरूप इसका लाभ किसानों को मिलेगा. किसानों के लिए विस्तृत पैकेज की भी व्यवस्था की गई है. जिसमें राज्य सरकारों की भी भूमिका होगी. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को भी बढ़ावा दिया जाएगा. कृषि स्टार्टअप को भी बढ़ावा दिया जाएगा. तेल-दलहन उत्पादन में बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है.
इस बजट में देखने योग्य बात यह है कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 80% गांव में रहने वाले ग्राम वासियों को आत्मनिर्भर बनाने की बात निहित है. कृषि पर पूर्व की तरह किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया गया है. कृषि क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष में 6% की दर से विकास होगा जो आगामी वित्त वर्ष के विकास में सहायक होगा. कृषि उपकरणों की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई है. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के छूट भी दिए गए हैं. इन बजट के प्रावधानों से निश्चित तौर पर किसानों को बहुत राहत मिलेगी. किसानों के लोन को और सस्ता किया गया है.
आत्मनिर्भर भारत के लिए केंद्र की सरकार हर सुविधा प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है. केंद्र की सरकार चाहती है कि देश आत्मनिर्भर बने. देश की अर्थव्यवस्था सुधरे. इस बजट में सबसे बड़ी बात यह है कि देशवासियों के स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जाए ? इसका भी पुख्ता इंतजाम किया गया है. स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ बनाने पर भी जोर दिया गया है. देश में हजारों की संख्या में स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने की घोषणा की गई है. इस निमित्त ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष रुप से ध्यान रखा गया है. गांव में स्वास्थ्य को लेकर हो रही परेशानियों से उबरने पर भी ध्यान दिया गया है. गांव एवं शहरों में चलंत एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने की घोषणा की गई है. सरकार स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव कार्य करने के लिए कृत संकल्प दिख रही है.
इस बजट में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत खरीद बजट का 65 % घरेलू उद्योग को निधि पूर्ति की जाएगी. पीएम आवास योजना के लिए एक बड़ी राशि आवंटित की गई हैं. सामाजिक विकास योजनाओं को इस बजट के तहत बढ़ावा दिया जाएगा. नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत होगी. प्रस्तुत बजट से देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया है. देश के भीतर ही रक्षा उपकरणों के निर्माण हो. देश रक्षा उपकरण बनाने में आत्मनिर्भर बने. इसका भी ख्याल रखा गया है. देश की सीमा की सुरक्षा के लिए देश के सैनिकों को बेहतर से बेहतर रक्षा के उपकरण मिले, इसका भी ख्याल रखा गया है. यह बजट देश के निम्न वर्ग , मध्यमवर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. देश की बुनियादी सुविधा सड़क , पानी, बिजली और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यह बजट बहुत ही बेहतर है. देश की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए देशभर में सड़कों का नया जाल बिछाया जाएगा. गांवों को शहरों से जोड़ने की योजना पर तीव्र गति से काम प्रारंभ होगा.
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.