Ranchi : राज्य के विकास से संबंधित विषयों पर नीति आयोग से बातचीत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड एक खनिज बहुल क्षेत्र है. अगर खनिज यहां है तो उससे आधारित प्रोजेक्ट को भी यही स्थापित किया जाना चाहिए. इससे राज्य के विकास के साथ यहां के लोगों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा. सीएम ने इसके साथ ही संघीय ढांचा के तहत केंद्र-राज्य संबंध को मजबूत कर विकास को गति देने, राज्य की समस्याओं और जरूरतों को देखते हुए उसी के हिसाब से नीति और कार्य योजना तैयार करने पर जोर दिया है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम और वर्चुअल माध्यम से जुड़े केंद्र सरकार के वरीय पदाधिकारियों के साथ गुरुवार को हुई विभिन्न विभागों से जुड़े मसलों पर सीएम ने यह बात की.
विकास से जुड़ी योजनाओं और नीतियों के निर्माण और निर्धारण में नीति आयोग की अहम भूमिका बताते हुए सीएम ने कहा कि यह तो शुरुआत है और आगे भी ऐसी कई बैठकें होंगी. इससे विकास के क्षेत्र में जो अड़चनें गतिरोध अथवा बाधाएं आ रही हैं, उसका निश्चित तौर पर समाधान निकलेगा.
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खनन क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक सर्वेक्षण हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक सर्वे समय-समय पर किया जाना चाहिए. इस सर्वे से पता चल सकेगा कि यहां रहने वाले लोगों के जीवन में क्या बदलाव आ रहा है. उन्हें सरकार की योजनाओं का सही से लाभ मिल रहा है या इसमें किसी प्रकार की दिक्कतें आ रही हैं, ताकि उसका निदान हो सके. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति (एससी-एसटी) की बात करते हुए सीएम ने कहा कि इन वर्गों के लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिले, इसके लिए उन्हें केंद्र से भी पूरा सपोर्ट दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जातियों के लिए अलग से पॉलिसी बनाई जाए, ताकि उनके विकास से जुड़ी कार्ययोजना बेहतर तरीके से क्रियान्वित हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में खनिजों और उद्योगों के लिए भूमि का जो अधिग्रहण हो रहा है, उससे सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हो रहे हैं. वे किसान की बजाय खेतिहर मजदूर हो गए हैं. ऐसे किसानों को भी सपोर्ट देने की दिशा में ठोस पहल होनी चाहिए.
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कोरोना काल में राज्य सरकार के काम की हुई तारीफ
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल झारखंड सरकार के साथ हुई बैठक को अहम बताते हुए कहा कि इससे केंद्र और राज्य के बीच अगर कोई गतिरोध है तो उसके समाधान में सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि नीति आयोग जो भी पॉलिसी बनाती है, उसमें मंत्रालय के साथ विस्तार से विचार-विमर्श होता है. वहीं, सरकार की नीतियों और योजनाओं की मॉनिटरिंग व वैल्यूएशन के लिए भी कई इंस्टिट्यूट हैं. नीति आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्यों को मजबूत बनाने के साथ नया भारत बनाना है. इसी कड़ी में झारखंड सरकार के साथ यह उच्च स्तरीय बैठक की गई. उन्होंने कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की .
22 विभागों के प्रस्ताव और इश्यूज पर हुई चर्चा
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि राज्य सरकार के 22 विभागों ने अपने प्रस्ताव और इश्यूज से अवगत कराया था. इन सभी पर केंद्र सरकार का भी रिस्पांस मिला है. बैठक में मुख्य रूप से कोयला, ऊर्जा, रेलवे राजस्व, जल संसाधन, खनिज, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, सिविल एविएशन गृह, जनजातीय मामले, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े विषयों पर विशेष रूप से चर्चा हुई.