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Palamu: जिला प्रशासन के मेला स्थगित करने के आदेश की अवहेलना की गई है. दरअसल आदेश को दरकिनार करते हुए मेला का उद्घाटन करने मंत्री मिथिलेश ठाकुर एवं पूर्व स्पीकर इंदर नामधारी पहुंचे. पलामू सदर थाना क्षेत्र के दुबियाखाड़ में हर साल 11, 12 फरवरी को 2 दिवसीय आदिवासी महाकुंभ मेला लगता है. कोरोना के कराण जिला प्रशासन द्वारा मेला नहीं लगाने की घोषणा की गई थी. जिला प्रशासन ने समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी दी कि, राज्य सरकार के गाइडलाइन के अनुसार इस मेला का आयोजन नहीं किया जा सकता है. क्योंकि मेला में 5 हजार से अधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए. लेकिन ज्ञातव्य है कि आदिवासी महाकुंभ मेला में कम से कम 10 से 15 हजार लोगों की भीड़ लगती है.

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आदिवासी महाकुंभ मेला का स्वरूप
इस मेला में बड़ी संख्या लोगों की भीड़ जुटती है. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा कई विभागों के स्टॉल भी लगाए जाते हैं. इस मेला में पूर्ण रूप से परिसंपत्तियों का वितरण किया जाता है. मेला नहीं लगने के कारण दर्जनों स्टॉल खाली पड़े हुए नजर आए. स्थानीय आदिवासी समाज के नेताओं ने प्रशासन के आदेश को दरकिनार करते हुए, अपने स्तर से मेला का आयोजन किया. जिसमें लगभग 20 से 25 गांव के आदिवासी समाज एवं अन्य समाज के लोगों ने मेले का आनंद लिया. इस मेले में स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग का भी स्टॉल नजर भी आया. बाकी विभागों का भी स्टॉल नजर नहीं आया.
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मेला स्थगित करने से आदिवासियों में आक्रोश
प्रशासन द्वारा मेला को स्थगित करने को लेकर आदिवासीयों में काफी आक्रोश था. इनका कहना था कि, हाल के दिनों में प्रशासन द्वारा मेदिनीनगर रेडमा चौक के पास शिल्प व्यापार मेला लगाया गया था. और तीन माह पहले ही पलामू किला में मेला लगा था. वहां भी हजारों की भीड़ थी, लेकिन प्रशासन द्वारा रोक नहीं लगाया गया था. जब मेला नहीं लगना था, तो जिला प्रशासन ने उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में क्यों बैठक कर मेले से संबंधित विचार विमर्श किया ? कुछ आदिवासी नेताओं का कहना था कि, प्रशासन आदेश दे या ना दे, इससे हम लोगों को कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है. हम अपनी परंपरा के अनुसार हर वर्ष 11 एवं 12 फरवरी को आदिवासी मेला मनाते आ रहे हैं. और यह मेला पिछले 20 सालों से अधिक समय से लगता आ रहा है.
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आदिवासी महाकुंभ मेला का उद्घाटन
दुबियाखाड़ स्थित मेला में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, स्थानीय विधायक आलोक चौरसिया, राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर सहित कई दलों के जिला अध्यक्ष एवं नेताओं ने राजा मेदनी राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, उनके प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की और मेला में शामिल हुए. लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि, जिला प्रशासन जब करोना का हवाला देते हुए मेला को स्थगित करने का आदेश किया था तो, कैसे आदेश बाद भी मेला का उद्घाटन करने मंत्री मिथिलेश ठाकुर एवं विधायक आलोक चौरसिया सहित अन्य नेता लोग पहुंचे.
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