Ranchi: अपनों की शारीरिक-मानसिक यातना से परेशान नाबालिग लड़की ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था. इस मामले में पीड़िता से बात करने पर उसने बताया कि मेरे ऊपर किसी भी तरह का दबाव पापा ने नहीं डाला है. हमने जो किया है वह खुद की मर्जी से किया है. वहीं पीड़िता के पिता ने बताया कि मैंने अपनी बेटी के ऊपर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं डाला. आरोपियों के ऊपर कार्रवाई नहीं होने से परेशान होकर उसने खुदकुशी करने की कोशिश की. पीड़िता के पिता ने कहा कि मेरी बेटी ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष आपबीती बताई है.
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आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने से पीड़िता ने खाई जहर
शारीरिक-मानसिक यातना से परेशान पीड़िता ने सिर्फ इसलिए जहर खा लिया कि उसे परेशान करने वाले आरोपियों को शिकायत करने के एक माह बाद भी रांची की कोतवाली थाना पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी. उल्टा उसी पर पुलिस लांछन लगा रही है. जहर खाने से बीमार पीड़िता को शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसे सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया गया. रविवार को वह दिन भर बेसुध पड़ी थी. उसकी मां ने पहले ही घर छोड़ दिया है. पिता ही अस्पताल में उसकी देखभाल कर रहे थे. उसके दो छोटे भाई भी हैं, एक 15 साल का और दूसरा पांच साल का. मां के बिना तीनों बाल-बच्चों का लालन-पालन पिता ही कर रहे हैं.
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पिता का आरोप- आरोपियों को बचा रही है पुलिस
कोतवाली थाना क्षेत्र की रहनेवाली पीड़िता के पिता ने थाने में प्राथमिकी एक माह पूर्व 2 सितंबर को दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि मां के छोड़ जाने के बाद बिटिया नानी के घर गयी थी. वहां उसके सगे मामा विशाल दास, समर्पण दत्ता, प्रियरंजन सोय और एक अन्य ने उसका शारीरिक शोषण किया. उसे अश्लील वीडियो दिखाया. मामा की शारीरिक प्रताड़ना से आहत हो बिटिया रांची लौट आयी. मामा की ज्यादती से आहत बिटिया अब गुमसुम रहने लगी थी. तीन महीने बाद मामा विशाल दास उसके घर आया. यहां भी उसने अपनी भांजी का शारीरिक शोषण किया. विरोध करने पर विशाल यहां से भाग निकला. पिता के अनुसार, जब उन्होंने बिटिया से गुमसुम रहने का कारण पूछा तो उसने पूरी घटना की जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने चारों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.