- मिथिला संगठनों ने जन आंदोलन करने की दी चेतावनी
- विभिन्न संगठन ने रांची डीआरएम को ज्ञापन सौंपा
Ranchi: जयनगर एक्सप्रेस को राउरकेला से चलाने के निर्णय पर सामाजिक संगठनों ने जन आंदोलन करने की चेतावनी दी है. बुधवार को मिथिला समाज के कई संगठन के प्रतिनिधियों ने इस मामले को लेकर डीआरएम नीरज अंबष्ट से मुलाकात कर इसकी जानकारी दी. इस दौरान रेलवे के वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक सह सीपीआरओ नीरज कुमार और वरीय वाणिज्यिक अधिकारी भी मौजूद थे. साथ ही प्रतिनिधियों ने इस ट्रेन को पूर्व की तरह से जयनगर तक परिचालन करने को लेकर ज्ञापन दिया.
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मांग से रेल मंत्री को अवगत कराने का अनुरोध
प्रतिनिधिमंडल ने डीआरएम अंबष्ट से उनकी मांग को दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और रेल मंत्री को भी अवगत कराने का अनुरोध किया. प्रतिनिधिमंडल में विद्यापति स्मारक समिति झारखंड मिथिला मंच और विश्वंभर फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद थे. इनमें समिति के लेखानंद झा, विश्वंभर फाउंडेशन के अध्यक्ष नवीन झा, झारखंड मिथिला मंच के अमरनाथ झा, डा बच्चा राम झा, प्रदीप चौधरी, उदित नारायण ठाकुर, सुदिष्ट झा, ज्ञानदेव झा, जयंत झा शामिल थे.
मिथिलावासियों के साथ भेदभाव का आरोप
प्रतिनिधियों ने यह भी मांग किया कि रांची जयनगर ट्रेन को चलाने में भी विलंब किया जा रहा है. जबकि विभिन्न रूटों में ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाई जा रही है. यह भी मिथिला वासियों के साथ भेदभाव है. उन्होंने कहां की धनबाद चंद्रपुरा घटना के बाद भी इस ट्रेन के साथ ऐसा ही सलूक किया गया था. बाद में इसके लिए भी आंदोलन करना पड़ा अब जाकर ट्रेन का परिचालन संभव हुआ. ऐसी परिस्थिति उत्पन्न होने से रेलवे को बचना चाहिए. प्रतिनिधियों जल्द से जल्द इसे रांची से जयनगर के बीच चलाने की मांग की.
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उन्होंने यह भी कहा कि यह ट्रेन ना केवल झारखंड और बिहार के बीच चलती है. बल्कि इस ट्रेन से नेपाल में बसे मिथिलांचल की बड़ी आबादी भी सफर करती है. इसलिए ट्रेन का फेरा और बोगी भी बढ़ाई जानी चाहिए.
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