Sahibganj: JMM के MLA लोबिन हेम्ब्रम के बेटे अजय हेम्ब्रम ने फर्जी वंशावली के आधार पर ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड {ECL} से नौकरी हासिल की थी. अब जिला प्रशासन के निर्देश पर ललमटिया थाना में अजय हेम्ब्रम के खिलाफ फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है. महागामा अनुमंडल के कार्यपालक दंडाधिकारी एजाज अहमद के प्रतिवेदन के आधार पर 28 जून को ही ललमटिया थाना में मामला दर्ज कराया गया था. खुलासा अब हुआ है.
दंडाधिकारी की शिकायत पर FIR: SP
गोड्डा SP नाथू सिंह मीणा ने बताया कि महागामा के दंडाधिकारी एजाज अहमद की शिकायत के आधार पर गलत वंशावली पर नौकरी लेने वाले अजय हेम्ब्रम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. दर्ज प्राथमिकी में राजमहल परियोजना के अधिकारियों की ओर से जांच पड़ताल किए बिना नौकरी दिए जाने पर भी सवाल उठाया गया है. पुलिस अनुसंधान में इन बिंदुओं पर भी जांच होगी. एसपी ने कहा कि अनुसंधान शुरू कर दिया गया है. इसमें विभिन्न पक्ष से बयान लेकर पुलिस कांड के समर्थन में साक्ष्य जुटा रही है. ECL में जमीन अधिग्रहण के बदले वंशावली के आधार पर ही नौकरी और मुआवजा देने का प्रावधान है.
तीन अप्रैल को DC ने दिए थे जांच के आदेश
अजय की सेवा पुस्तिका में यह बात सामने आई है कि 20 अगस्त 2008 को ECL कार्यालय में उन्होंने योगदान दिया था. बड़ा भोड़ाई मौजा में जमीन अधिग्रहण के बदले अजय ने फर्जी वंशावली में अपना नाम दर्ज करा कर नौकरी हासिल की थी. बड़ा भोडाई की रहने वाली मंझली मुर्मू, पति धरमू सोरेन ने इस मामले को लेकर तीन अप्रैल 2022 को DC भोर सिंह यादव को आवेदन देकर पूरे मामले की जांच की मांग की थी. इसके बाद DC की ओर से DDC संजय सिन्हा और महागामा के SDO सौरभ कुमार भुवानिया को संयुक्त रूप से जांच के लिए अधिकृत किया गया था. DDC और SDO ने 27 जून को जांच प्रतिवेदन DC को सौंपा. 28 जून को महागामा के कार्यपालक दंडाधिकारी एजाज अहमद के प्रतिवेदन पर ललमटिया थाना में विधायक लोबिन हेम्ब्रम के बेटे अजय हेम्ब्रम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई. प्राथमिकी में राजमहल परियोजना प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया है.
हाईकोर्ट जाएंगे लोबिन हेम्ब्रम
इधर, इस मामले को लेकर विधायक लोबिन हेम्ब्रम का कहना है कि वंशावली निर्गत करने वाले बड़ा भोडाई मौजा के रैयतों की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र देकर वर्ष 2008 में ही अजय को वंशावली में शामिल किया गया था. इसमें अजय को ब्लड रिलेशन के आधार पर वंशावली में शामिल करने की बात शपथपत्र में अंकित है. यह मामला 2008 का ही है. 14 साल बाद इस मामले में कार्रवाई सरकार की ओर से पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर की गई है और इसके खिलाफ वे हाईकोर्ट जाएंगे.
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