Garhwa (Arun Kumar Yadav) : गढ़वा जिले में मनरेगा योजना ठप होने की वजह से नरेगा के जॉब कार्डधारी अन्य राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं. लगातार हो रहे पलायन को रोकने की दिशा में सरकार भले ही लाख बड़े-बड़े वादा कर ले, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. गढ़वा जिले के अलग-अलग प्रखंडों से हर रोज सैकड़ों मनरेगा जॉब कार्डधारी रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. पलायन करने वाले लोगों के परिजनों का कहना है कि पहले मनरेगा योजना के तहत गांव में ही रोजगार मिल जाता था, लेकिन अब मनरेगा योजना के तहत काम ही नहीं चल रहा है, तो क्या करें. पैसे के बिना कोई काम नहीं होता है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है. घर में ही रोजगार मिल जाता तो किसी को बाहर जाने का शौक थोड़े न है. वहीं एक महिला ने कहा कि पति और बेटा दोनों कमाने के लिए महाराष्ट्र गए हैं. अगर कुछ दिनों के अंदर काम नहीं मिला तो मैं भी महाराष्ट्र जाऊंगी. वहीं रंका अनुमंडल क्षेत्र के मानपुर ग्राम पंचायत से मनोहर भुइयां, रामलखन भुइयां उदय भुइयां, अरविंद भुइयां, बुधु भुइयां, राजकुमार भुइयां, गोपाल भुइयां, कृष्ण भुइयां, विनोद भुइयां, रमेश भुइयां, मनोज भुइयां, सनोज भुइयां, संजय भुइयां, जगदीश भुइयां, राकेश भुइयां और शिवलाल भुइयां पूरे परिवार के साथ पलायन कर चुके हैं. उपेंद्र कुमार भुइयां, शंकर भुइयां, सुरेंद्र भुइयां, दिकदार भुइयां, रामाशीष भुइयां, जंगाली भुइयां , उमेश भुइयां, सूर्यदेव भुइयां, प्रवेश भुइयां, मुन्ना कुमार, दशरथ भुइयां समेत सैंकड़ों लोग महाराष्ट्र, हरियाणा पंजाब जैसे राज्यों में रोजगार की तलाश में पलायन कर चुके हैं.
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वहीं इस मामले पर झामुमो के रंका प्रखंड अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने बताया कि सरकार पलायन रोकने की लगातार कोशिश कर रही है. आशीष ने कहा कि स्थानीय विधायक सह सूबे के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर को मामले की जानकारी दूंगा और गढ़वा डीसी से बात कर पलायन कर रहे मजदूरों को गांव में ही रोजगार मिलेगी ऐसी व्यवस्था कराने की मांग करूंगा. आशीष ने कहा कि इस क्षेत्र में कारखाना चालू करवाने के लिए मंत्री मिथलेश ठाकुर के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अवगत करा दिया गया है और बहुत जल्द कारखाना भी चालू हो जाएगा, जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा.
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