Ranchi : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. 6 फरवरी को कांग्रेस राज्य भर में एसबीआई और एलआईसी के कार्यालय के समक्ष धरना देगी, कांग्रेस ने एसबीआई के खाताधारकों और एलआईसी के पॉलिसी धारकों से इसमें शामिल होने की अपील की है. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम ने यह जानकारी दी. राजेश ठाकुर ने कहा कि मित्र काल के हम दो हमारे दो, देश की संपत्ति बेच दो ! LIC और SBI में हिस्से को प्रधानमंत्री जी ने ऐसे समूह के हवाले किया, जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड का इल्जाम लगा है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में जो अडाणी पर आरोप लगे हैं, उसकी जांच कब होगी ?
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसी चुप्पी क्यों
राजेश ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साध रखी है, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है. एलआईसी का विज्ञापन तो हम बचपन से ही सुनते आए हैं, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी. अब उसकी भी टैगलाइन बदलनी पड़ेगी- जिंदगी के साथ थी, अब अडाणी जी के साथ है. 40 करोड़ के लगभग निवेशक, जिन्होंने अपनी जमा पूंजी एलआईसी में लगाई थी, उनके भविष्य का सवाल है. एलआईसी में जो अडानी एंटरप्राइजेज में 1 प्रतिशत से बढ़ा कर एलआईसी ने 4.23 प्रतिशत अपना निवेश किसके इशारे पर किया और क्यों किया?
दूसरा, LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों में अडाणी समूह का बेहद जोखिम भरा लेन-देन और निवेश मोदी सरकार द्वारा किया गया है. जैसे –
• प्रमुख अडाणी एंटरप्राइजेज में 1% से कम से LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.23% हो गई.
• अडाणी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी 1% से कम से बढ़कर 5.96% पर पहुंच गई है.
• अडाणी ट्रांसमिशन में LIC की शेयरधारिता 2.42% से बढ़कर 3.65% हो गई.
• अडाणी ग्रीन एनर्जी में यह 1% से भी कम से बढ़कर 1.28% हो गयी है.
LIC का आधिकारिक रूप से कहना है कि उसका अडाणी ग्रुप में इक्विटी एक्सपोजर ₹56,142 करोड़ है. पर पिछले कुछ दिनों से जब अडाणी के शेयर गिर रहे हैं, तब से शुक्रवार तक LIC के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के ₹33,060 करोड़ डूब चुके हैं.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अन्य भारतीय बैंकों ने अडाणी समूह को ऋण दिया है. अडाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब ₹80,000 करोड़ का कर्ज है, जो समूह के कुल कर्ज का 38% है. उसमें से निजी बैंकों का जोखिम कुल समूह ऋण के 8% है, जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30% है.
राजेश ठाकुर ने कहा, तीसरा और शायद अब तक का सबसे सनसनीखेज खुलासा जिस पर अब तक भारतीय मीडिया ने भी ध्यान नहीं दिया है, वो है चांग चुंग-लिंग -एक चीनी बिजनेसमैन, जिसकी संदिग्ध गतिविधियों से भारतीय जांच एजेंसी वाकिफ है, उसके और अडाणी समूह में क्या रिश्ता है ?
अडाणी समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर
वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अडाणी समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है. करोड़ों निवेशकों व करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स की गाढ़ी कमाई खतरे में है. इस परिपेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से तीन मांग करती है.
पहला, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में एक निष्पक्ष जांच की जाये, जिसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो.
दूसरा, हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए.
तीसरा, LIC, SBI और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अडाणी का जोखिम भरा निवेश है, उस पर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाये और निवेशकों को पैसे को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाये जाएं. इस अवसर पर विधायक अंबा प्रसाद, राकेश सिन्हा, अमूल्य नीरज खलखो, राजीव रंजन प्रसाद व डॉ एम तौसीफ मौजूद थे.
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