LagatarDesk : भारत में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून अपने सामान्य समय से एक सप्ताह देरी से आज 8 जून को केरल में प्रवेश कर गया है. हालांकि गंभीर चक्रवात बिपरजॉय के कारण शुरूआत में मॉनसून का असर कम दिखेगा. आम तौर पर मॉनसून केरल में एक जून तक पहुंच जाता है. हालांकि हर बार मॉनसून या तो सात दिन पहले या फिर बाद में पहुंचता है. केरल में मॉनसून के प्रवेश के करीब 7 से 10 दिन के अंतराल में यानी 15 से 18 जून तक झारखंड में मॉनसून प्रवेश कर जायेगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने केरल में मॉनसून के आगमन की घोषणा की है. (पढ़ें, 2000 के नोट एक्सचेंज और जमा : 17 दिनों में बैंकों के पास 1.80 लाख करोड़ वापस आये)
इन हिस्सों की तरफ बढ़ रहा है मॉनसून
आईएमडी ने कहा कि मॉनसून दक्षिण अरब सागर के शेष हिस्सों, मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप क्षेत्र, केरल के अधिकतर क्षेत्र, दक्षिण तमिलनाडु के अधिकतर हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र के शेष हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम, मध्य एवं उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ रहा है.
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8 जुलाई तक पूरे भारत में पहुंच जायेगा मॉनसून
मॉनसून 10 जून तक महाराष्ट्र पहुंच जायेगा और बिहार की सीमा से टकरायेगा. इसके बाद 15 जून को यह गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार पर पहुंच जायेगा. वहीं 20 जून को यह गुजरात के आंतरिक इलाकों, एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा. 25 जून तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून हिमाचल, उत्तराखंड और कश्मीर पहुंच जायेगा. वहीं 30 जून को यह राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में प्रवेश कर जायेगा. 8 जुलाई तक मॉनसून पूरे भारत में पहुंच जायेगा.
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आईएमडी ने 9 जून को मॉनसून प्रवेश करने का पूर्वानुमान लगाया था
मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि केरल में मॉनसून चार जून के आसपास पहुंच सकता है. निजी मौसम पूर्वानुमान केंद्र ‘स्काईमेट’ ने केरल में सात जून को मॉनसून के आगमन का अनुमान जताया था. इसके बाद मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया था कि केरल में मॉनसून 9 जून को प्रवेश करेगा. लेकिन यह एक दिन पहले ही आ गया. बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 150 वर्षों में केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख अलग-अलग रही है, जो 1918 में समय से काफी पहले 11 मई को और 1972 में सबसे देरी से 18 जून को आया था.
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