NewDelhi : संसद के मानसून सत्र में हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सत्र मे तीसरा सप्ताह भी हंगामे की भेंट चढ़ रहा है. जगजाहिर है कि पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानून को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हल्ला बोल रहा है. आज बुधवार को भी जासूसी कांड पर दोनों सदनों में सिरफुटव्वल जारी है. विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गयी.
खबर हैा कि राज्यसभा से टीएमसी के 6 सांसदों को दिन भर के लिए बाहर कर दिया गया है. इसके पीछे कारण सांसदों का विरोध बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार इन सांसदों ने सभापति के पास जाकर हंगामा किया और तख्तियां दिखाईं, जिसके बाद इन्हें राज्यसभा की कार्यवाही से पूरे दिन के लिए बाहर कर दिया गया.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और मणिकम टैगोर ने पेगासस पर लोकसभा में चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव भेजा. इसी मुद्दे पर टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी स्थगन प्रस्ताव दिया. कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया.
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अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू में बहस
कृषि कानून को लेकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य संसद के बाहर भिड़ गये. कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि जिस समय सरकार संसद में कृषि कानून पास करा रही थी, उस वक्त अकाली दल सरकार के साथ थी. उसके किसी भी नेता ने केंद्र सरकार के बिल पर ऐतराज नहीं जताया. आरोप लगाया कि संसद में जब बिल पास हो गया तब किसानों का हितैषी बनने के लिए शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने घर जाकर इस्तीफा दिया. कहा कि ये लोग रोज ड्रामा करते हैं,
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पलटवार करते हुए कहा कि जब संसद में बिल पास हो रहा था तो कांग्रेस ने बिल के समय वॉकआउट क्यों किया था? जब संसद में बिल पास हो रहा था, उस समय राहुल गांधी कहां पर थे? उस समय वो किसानों की आवाज बनकर संसद में क्यों नहीं आये. राहुल और सोनिया गांधी ने बिल के विरोध में संसद में अपनी बात क्यों नहीं रखी.
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मंगलवार को संसद में पास हुए दो बिल
लोकसभा में मंगलवार को आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 पारित हुआ. यह केंद्र सरकार को आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर रोक लगाने की अनुमति देता है. वहीं, राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऋणशोधन और दिवाला संहिता (संशोधन) विधेयक-2021 पेश किया और उसे पारित भी कर दिया गया.
संसद में 18 घंटे हुआ कामकाज, होना चाहिए था 107 घंटे
संसद का मानसून सेशन 19 जुलाई से शुरू हुआ. पिछले दो हफ्ते में दोनों सदनों को मिलाकर 18 घंटे ही कामकाज हो सका, जो कि 107 घंटे होना चाहिए था. लोकसभा में 7 घंटे और राज्यसभा में 11 घंटे कामकाज हुआ. रिपोर्ट के अनुसार कामकाज न होने से टैक्सपेयर्स का 133 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.