Ranchi : पिछले दस वर्षों के दौरान यह तीसरा मौका है, जब झारखंड में मॉनसून आगमन समय पर होने की संभावना व्यक्त की गयी है. इससे आने वाली मॉनसून सीजन के दौरान अच्छी बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. यह संभावना बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में बने अनुकूल स्थितियों की वजह से वैज्ञानिकों ने व्यक्त की है. वैज्ञानिकों के इस पूर्वानुमान से इस साल झारखंड में अच्छी खेती की उम्मीद जगी है.
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पिछले साल 13 जून को आया था मॉनसून
पिछले साल दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून झारखंड में 13 जून को आया था. समय पर आने के बावजूद मॉनसून सीजन के दौरान 15 फीसदी कम बारिश हुई. जबकि 2020 में एक जून से लेकर 30 सितंबर तक केवल 899.0 मिलीमीटर बारिश हुई. जुलाई और सितंबर में मॉनसून बेहद ही कमजोर रहा था. जुलाई में 23 फीसदी कम तो सितंबर में 38 फीसदी कम बारिश हुई. इसका असर कृषि पर भी पड़ा. जबकि मॉनसून सीजन के दौरान राज्य में 1056.0 मिलीमीटर बारिश होती है.
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2017 से अब तक कम हुई बारिश
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, 2017 के मॉनसून से लेकर अब तक सभी मॉनसून के दौरान कम बारिश हुई. 2016 के मॉनसून में 1096.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो सामान्य थी. मौसम विभाग रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि इस बार भी मॉनसून समय से ही प्रवेश करेगा. दक्षिण बंगाल की खाड़ी में स्थितियां अनुकूल हैं. एक जून तक मॉनसून के केरल के दक्षिणी तट पर दस्तक देने की संभावना है. इस कारण झारखंड में इसके दस से 15 जून तक किसी भी दिन प्रवेश करने की संभावना व्यक्त की जा रही है. उन्होंने बताया कि समय पर मॉनसून के आने की संभावना है, जिससे अच्छी बारिश की भी उम्मीद है.
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पिछले पांच सालों के दौरान मॉनसून
वर्ष | आगमन | बारिश |
2016 | 17 जून | सामान्य |
2017 | 16 जून | 9.5 फीसदी कम |
2018 | 25 जून | 28.2 फीसदी कम |
2019 | 21 जून | 19.0 फीसदी कम |
2020 | 13 जून | 15 फीसदी कम |