New Delhi : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को उन सांसदों की अनुपस्थिति पर गंभीरता व्यक्त की जो चर्चा के दौरान टिप्पणी तो करते हैं, लेकिन जब मंत्रीगण उनका जवाब देते हैं तो वे सदन से गायब दिखते हैं. लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सदन में बहस के दौरान किसी भी तरह की टिप्पणी करने के बाद जब मंत्रीगण उनका जवाब देते हैं तो वे सांसद सदन से गायब दिखते हैं. ओम बिरला ने कहा कि सदन में चर्चा का मुद्दा उठाकर गायब रहने वाले सांसदों को लेकर वो पार्टियों से भी बात करेंगे. उन्होंने कहा कि वह सभी पार्टियों के नेताओं को सदन में चर्चा के दौरान उन्हें (अनुपस्थित रहने वाले सांसद) नहीं भेजने के लिए कहेंगे. स्पीकर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सदन से गायब हुए सदस्यों के सवालों का जवाब देने से रोक दिया. स्पीकर ने जिस वक्त ये सख्ती दिखाई उस समय लोकसभा में जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा चल रही थी.
यह गहरी चिंता का विषय है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कांग्रेस के एक सदस्य द्वारा उठाए गए किसी प्वाइंट का जवाब दे रही थीं जो खुद उस समय सदन में मौजूद नहीं थे. वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 2022-23 के बजट और 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर बहस का जवाब दे रही थीं. अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है क्योंकि सदस्य मौजूद नहीं थे. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “जो सांसद सदन में नहीं रहते हैं, मैंने उस पर गंभीरता से विचार किया है और यह गहरी चिंता का विषय है. कोई जवाब न दें. और, मैं उनकी पार्टियों को यह भी बताऊंगा कि उन्हें बहस के दौरान सदन में नहीं उतारा जाए.”
‘कश्मीर फाइल्स’ के बारे में बात करते वक्त उस समय की सच्चाई को याद करना चाहिए
हालांकि बाद में लोकसभा में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ के बारे में बात करते समय उस समय की सच्चाई को याद करना चाहिए कि जब हिंदुओं पर इतना कुछ घट रहा था, तो वे इससे कैसे निकले. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जो बातें आ रही है, वे स्थिति से इनकार को प्रदर्शित करती हैं.
इसे भी पढ़ें – धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लागू हुए 890 केंद्रीय कानून
Leave a Reply