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बालाकोट चैट्स को लेकर अर्नब पर FIR की तैयारी में मुंबई पुलिस! पुलिस ले रही कानूनी सलाह

 Mumbai :  बालाकोट चैट्स को लेकर अर्नब पर क्या कार्रवाई की जा सकती है, इस संबंध में मुंबई पुलिस कानूनी सलाह ले रही है, इन चैट्स में कुछ बातचीत दो साल पूर्व भारत द्वारा बालाकोट में की गयी सैन्य कार्रवाई से भी जुड़ी हुई हैं. आरोप है कि इसकी जानकारी अर्नब को पहले से थी. बता दें कि  ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता के साथ रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की लगभग एक हजार पेज की वॉट्सऐप चैट्स मुंबई क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में शामिल हैं. वॉट्सऐप चैट्स सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के समक्ष सवाल है कि ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट में अर्नब और दासगुप्ता के खिलाफ क्या कोई एफआईआर दर्ज की जा सकती है? एनबीटी के अनुसार इस केस की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को मुंबई पुलिस की कानूनी विवशता के बारे में जानकारी दी. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/1111-4-300x84.jpg"

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alt="" width="300" height="200" /> इसे भी पढ़ें : राहुल">https://lagatar.in/rahul-gandhi-demanded-investigation-of-arnab-whatsapp-chat-case-said-where-did-you-get-sensitive-information-like-balakot-air-strike/19295/">राहुल

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केंद्र सरकार बने शिकायतकर्ता, तो बात बने

इस अधिकारी के अनुसार, यह दो लोगों के बीच  की प्राइवेट चैट्स है. फिर इस चैट्स में बालाकोट पर भारत सरकार की संभावित कार्रवाई का जो जिक्र है, वह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. कायदे से इस मामले में केंद्र सरकार को शिकायतकर्ता बनना चाहिए और मुंबई पुलिस में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए. इस अधिकारी के अनुसार, यह केंद्रीय गृह मंत्रालय को तय करना है कि लेकिन क्या केंद्र सरकार ऐसा करेगी.  इस अधिकारी का कहना है कि मुंबई पुलिस या राज्य सरकार इस बारे में केंद्र सरकार को आदेश नहीं दे सकती. सिर्फ अपनी बात पहुंचा सकती है. मंगलवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मीडिया के जरिए अपनी बात केंद्र तक पहुंचाई भी है. एक अन्य अधिकारी के अनुसार, यदि इस मामले में कोई हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे और यदि कोर्ट मुंबई पुलिस को आदेश दे, तो बात अलग है. इसे भी पढ़ें : प्रशांत">https://lagatar.in/prashant-bhushan-shared-arnab-goswamis-alleged-whatsapp-chat-wrote-its-enough-to-send-you-to-jail/18104/">प्रशांत

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अर्नब को बॉम्बे हाईकोर्ट से 29 जनवरी तक प्रोटेक्शन मिला हुआ है

बता दें कि फर्जी टीआरपी केस में अर्नब को बॉम्बे हाईकोर्ट से 29 जनवरी तक प्रोटेक्शन मिला हुआ है. मुंबई क्राइम ब्रांच तब तक अर्नब को गिरफ्तार नहीं कर सकती. लेकिन मुंबई पुलिस सूत्रों का कहना है कि कोर्ट ने हम पर अर्नब से पूछताछ की कोई बंदिश नहीं लगाई है. हम कभी भी उन्हें समन भेज सकते हैं.  पुलिस के अनुसार  29 जनवरी से पहले हम समन भेजें या नहीं, इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया  है. इस मामले में वकील कपिल सिब्बल की सलाह पर अमल करने की बात पुलिस ने कही. पुलिस अधिकारी के अनुसार, अर्नब गोस्वामी पिछले काफी दिनों से मुंबई में नहीं है.  शायद वह उत्तर भारत के किसी स्टूडियो में बैठकर ऐंकरिंग कर रहे हैं.  फर्जी टीआरपी केस में मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. मंगलवार को इस केस में आरोपी महामूवी चैनल के CEO संजय वर्मा को अरेस्ट किया गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी फिलहाल टीआरपी केस में नहीं, कॉपी राइट्स के उल्लंघन से जुड़े एक केस में दिखाई गयी है.

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