Ranchi : राज्य में नगर निकाय चुनाव फिलहाल टल गए हैं. चुनाव कब होंगे, इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. बुधवार को सीएम ने अचानक झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक बुलायी. बैठक में नगर निकाय चुनाव में एसटी के लिए आरक्षित सीटों को गैर आरक्षित करने का मुद्दा एजेंडे में शामिल नहीं होने के बावजूद सदस्यों की मांग और सुझाव शामिल किए गए. म्युनिसपल क्षेत्र में अधिसूचित क्षेत्र के विस्तार (एक्सटेंशन टू द शिड्यूल एरिया एक्ट यानी मेसा एक्ट) के प्रावधानों को यथावत रखने की अनुशंसा केंद्र सरकार से करने का निर्णय लिया गया. टीएसी बैठक में लिए गए फैसले से फिलहाल नगर निकाय चुनावों पर ग्रहण लग गया है.
राज्यपाल ने जतायी थी सहमति, चुनाव तिथि की घोषणा नहीं हुई
नगर निकाय चुनाव को लेकर 21 नवंबर को राज्यपाल रमेश बैस ने नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर अपनी सहमति जता दी थी. इसके बाद मंगलवार- बुधवार तक राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तिथि की घोषणा के साथ ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जानी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इससे इस बात की संभावना प्रबल हो गयी थी कि चुनाव टल जाएंगे.
आदिवासी संगठनों ने जताया था विरोध
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, संथालपरगना प्रमंडल के दुमका, साहेबगंज, पाकुड़, जामताड़ा जिले, कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खारसांवा, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के रांची जिलों में नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के एकल पद अनारक्षित या अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिए गए. साथ ही आदिवासी संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर एसटी की आरक्षित सीटें गैर आरक्षित किए जाने पर न सिर्फ आपत्ति जतायी थी बल्कि पांचवीं अनुसूची में शामिल जिलों में नगर निकाय चुनावों पर सवाल उठाया गया. इसके बाद से इस बात की संभावना थी कि चुनाव टल जाएंगे.
जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय न हो
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई टीएसी की बैठक में सदस्यों की मांग और सुझावों पर मेसा एक्ट का मामला एजेंडे में शामिल किया गया. बैठक में मेसा एक्ट (एक्सटेंशन टू द शिड्यूल एरिया) बिल 2021 की स्टैंडिंग कमेटी की अनुशंसा (नगर निकाय की समिति, जिसमें जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व हो) की अनुशंसा नगर निकायों को बाध्यकारी होगी. रिकमेंडशन ऑफ दिस कमेटी सैल बी ऑर्डिनली बी बाइडिंग ऑन द म्युनिसिपैलिटी) को विलोपित करने की अनुशंसा की गई थी. बैठक में विचार-विमर्श के बाद उक्त प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया. साथ ही यह भी तय किया गया कि जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए.
पहली बार में पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के एकल पद में छेड़छाड़ : राजेश कच्छप
टीएसी की बैठक में कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने एकल पद एसटी के लिए आरक्षित रखने का मामला उठाया. कहा कि 1982 से लेकर पिछले नगर निकाय चुनाव तक मेसा एक्ट के तहत होने वाले नगर निकाय चुनाव में पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में एकल पद एसटी के आरक्षित थी. मगर इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि यह पद या तो एससी के लिए आरक्षित किया गया या फिर इसे सामान्य कर दिया गया. इसे टीएसी अध्यक्ष सह सीएम ने गंभीरता से लिया.
टीएसी की बैठक में ये निर्णय भी लिए गए
– पर्यावरण और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण करते हुए राज्य में परिवेशीय अनुकूलन पर आधारित पर्यटन अर्थात इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा.
-लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री के लिए सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड कार्यरत है. इसके अंतर्गत व्यापक रूप से लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री कर वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आय में अधिक से अधिक वृद्धि हो, इसके लिए पहल करने का निर्णय लिया गया.
-वनाधिकार अधिनियम-2006 के अंर्तगत अधिक से अधिक सामुदायिक पट्टा देने और उसमें अधिक से अधिक वन भूमि का उपयोग वन विभाग के नियमों एवं पर्यावरण के अनुकूल किये जाने पर जोर दिया गया.
-जनजातीय भाषा में कक्षा 1 से 5 तक के लिए अध्ययन और जनजातीय भाषाओं के अधिक से अधिक उपयोग पर डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के माध्यम से अध्ययन कराते हुए नीति बनायी जाएगी.
-जनजातीय भाषाओं में अधिक से अधिक पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद कराते हुए उसका वितरण कराने का भी निर्णय लिया गया.
-जनजातीय भाषाओं के शिक्षको की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने और आवश्यकतानुसार पद सृजित करने पर भी सहमति बनी.
-होड़ोपैथी आदिवासी ज्ञान परंपरा का गौरवपूर्ण हिस्सा रहा है. इसे देखते हुए इसके वैज्ञानिक विश्लेषण, अध्ययन, अनुसंधान, प्रकाशन के साथ सीएसआईआर की तरह वैज्ञानिक प्रयोगशाला बनाते हुए इसे आयुष में शामिल करने पर जोर दिया गया.
-झारखंड पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार नियामावली 2022 के प्रारूप पर संबंधित विभागों एवं पक्षों से सम्यक विचारोपरांत निर्णय लिया जाए.
-जनजातीय समुदाय के युवाओं को पांच वर्ष से अधिक भुगतान अवधि के साथ लोन देने के लिए अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन कराते हुए बैंकों के साथ राज्यस्तरीय बैठक कर नीति बनायी जाए.
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