Washington : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने चंद्रमा पर पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने का दावा किया है. NASA ने दावा किया है कि पृथ्वी से दिखने वाले साउथ पोल के एक गड्ढ़े में अणुओं के रूप में पानी नजर आया है. चांद पर पानी की खोज NASA की स्ट्रैटोस्फियर ऑब्जरवेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) ने की है। यह पानी सूरज की किरणें पड़ने वाले इलाके में मौजूद क्लेवियस क्रेटर में मिला है. वैज्ञानिकों ने अनुसार चांद पर इंसानी बस्ती बनाने में मदद मिल सकती है. हालांकि सवाल उठ रहा है कि चांद पर वायुमंडल नहीं है फिर भी पानी कैसे बना?
सहारा रेगिस्तान से 100 गुना कम है चांद पर पानी
NASA ने नेचर एस्ट्रोनॉमी के नए अंक में अपनी खोज के नतीजे जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि चंद्रमा की सतह पर अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में मौजूद पानी से 100 गुना कम है. NASA ने चांद की सतह पर पिछले परीक्षणों के दौरान हाइड्रोजन की मौजूदगी का पता लगाया था. उस समय वे हाइड्रोजन और पानी के निर्माण के लिए जरूरी अवयव हाइड्रॉक्सिल (OH) की गुत्थी नहीं सुलझा पाए थे.
11 वर्ष पहले चंद्रयान-1 ने खोज लिया था पानी
ISRO 11 वर्ष पहले सितंबर 2009 में ही चंद्रमा पर पानी होने के सबूत दे चुका है. यह पानी चंद्रयान-1 पर मौजूद मून इंपैक्ट प्रोब ने तलाशा था। इसे ऑर्बिटर के जरिए नवंबर 2008 में चंद्रमा के साउथ पोल पर गिराया गया था। ISRO ने बताया था कि चांद की सतह पर पानी चट्टान और धूलकणों में भांप के रूप में फंसा है.