Ranchi : झारखंड विधानसभा में केंद्र -राज्य संबंधों पर नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने कहा कि देश की स्थिरता, सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए एक स्वस्थ केंद्र-राज्य संबंध महत्वपूर्ण है. देश के विभाजन के समय की घटनाओं ने संविधान सभा को एक ऐसे संघवाद को चुनने के लिए प्रेरित किया, जो केंद्र की ओर थोड़ा झुका हुआ है, लेकिन राज्य को प्रगति और परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण साधन होने के नाते संविधान में शक्तियां भी दी गई हैं. संविधान के लागू होने के बाद से पिछले सात दशकों में 105 संशोधन हुए हैं, जिनमें से कई का केंद्र-राज्य के संबंधों पर सीधा असर पड़ा है.
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स्वतंत्र भारत ने संघवाद के बदलते युग को देखा
उन्होंने कहा कि समय-समय पर, केंद्र-राज्य संबंधों का परीक्षण किया गया और स्वतंत्र भारत ने संघवाद के बदलते युग को देखा. कई राजनीतिक इतिहासकारों और संवैधानिक विशेषज्ञों ने देखा कि केंद्र सरकार के हाथों में शक्तियों का अधिक केंद्रीकरण केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ते संघर्षों के प्रमुख कारणों में से एक था.
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कई अहम मुद्दों पर विशेषज्ञ विचार रख रहे
केंद्र राज्य के संबंधों पर चर्चा के लिए विधानसभा में प्रो दिलीप तिर्की, प्रो मनोज कुमार सिन्हा, प्रो अनुराग दास, प्रो ए लक्ष्मीनाथ, डॉ नीरज कुमार, प्रो उदय शंकर समेत कई विशेषज्ञ जुटे हैं. कांफ्रेंस में संघवाद पर न्यायपालिका, केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का बंटवारा, केंद्र राज्य संबंध और सुशासन पर इसके प्रभाव जैसे कई अहम मुद्दों पर विशेषज्ञ अपने विचार रख रहे हैं.
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