Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने आरके आनंद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने से इंकार कर दिया है. राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले के प्रमुख आरोपी आरके आनंद को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. झारखंड हाईकोर्ट ने आरके आनंद की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग अदालत से की थी.हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद आरके आनंद की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं.
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आरके आनंद ने बताया कि गलत तरीके से फंसाया गया है
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत में बीते 7 अप्रैल को 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में अभियुक्त नेशनल गेम आर्गेनाइजिंग कमेटी (एनजीओसी) के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष आरके आनंद की याचिका की सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. इससे पूर्व की सुनवाई के दौरान आरके आनंद की ओर से अदालत को बताया गया था कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है.
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उन्होंने ही इस मामले में हो रही गडबड़ी की शिकायत की थी
आरके आनंद के वकील ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि इस घोटाला में उनकी कोई भूमिका नहीं है. उनका नाम प्राथमिकी में भी नहीं था, लेकिन जांच के दौरान उनका नाम जोड़ा गया है. वकील ने बताया कि उन्होंने ही इस मामले में हो रही गडबड़ी की शिकायत की थी, लेकिन उन्हें भी अभियुक्त बना दिया गया. उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाए.
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आरके आनंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि एसीबी जांच में आरके आनंद के खिलाफ 34वें राष्ट्रीय खेल में सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. इस मामले में आरके आनंद के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है. बता दें कि 34वें राष्ट्रीय खेल में 28 करोड़ 38 लाख रुपये घोटाला हुआ है. मामले में एसएम हाशमी, पीसी मिश्रा, आरके आनंद समेत अन्य के खिलाफ एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की थी.
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