Latehar: विश्व आदिवासी दिवस पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर भवन में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस अवसर पर उपायुक्त गरिमा सिंह ने कहा कि पर्यावरण व जनजातियों के समूह को संरक्षित करने की दरकार है. कहा कि विश्व आदिवासी दिवस पर हमें आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड आदिवासियों का राज्य है. यहां विभिन्न प्रकार पारंपरिक व संस्कृति परंपराएं हैं. हमें इन्हें सहेज कर रखना है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन वन पट्टा का लाभ अधिक से अधिक लोगों को देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रति माह वनाधिकार पट्टा को ले कर प्रखंड से ले कर जिला स्तर तक की बैठकें कर मामलों का निष्पादन की जाती हैं.
इससे पहले उपायुक्त गरिमा सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रवेश अग्रवाल, आईटीडीए निदेशक प्रवीण गगराई, उपविकास आयुक्त सुरजीत सिंह, अपर समार्हता रामा रविदास, जिला परिवहन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार वर्मा, एसडीओ अजय कुमार रजक, भू अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार, भूमि सुधार उप समार्हता उदय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंस कुमार व जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डा चंदन समेत अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम मे उत्क्रमित उच्च विद्यालय चंदनडीह के आयुष चौधरी एवं जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ठ विद्यालय, लातेहार के अंकित कुमार ने विश्व आदिवासी दिवस पर व्याख्यान दिया. धन्यवाद ज्ञापन डीटीओ सुरेंद्र कुमार व मंच का संचालन वरीय पत्रकार आशीष टैगोर ने किया. उपायुक्त ने विभिन्न प्रतियोगिता में अवव्ल आये छात्र व छात्राओं को प्रशस्ती पत्र एवं मेमोंटो दे कर सम्मानित किया. कार्यक्रम में सामुदायिक व व्यक्ति वन पट्टा का वितरण उपायुक्त ने किया.
कलाकारों ने किया प्रदर्शन
कार्यक्रम में नटराज कला केंद्र, चोगा सरायकेला खरसांवा के कलाकारों ने मानभूम छउ नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया. प्रभात कुमार महतो के नेृत्व में कलाकारों के द्वारा महिषासुर मर्दिनी नाट्य कला का प्रदर्शन किया गया. जबकि सांसकृतिक संगीत सरगम सरसा, लापूंग रांची के कलाकारों ने उरांव गीत व नृत्य प्रस्तुत किया. लोकनाथ लोहरा कला जत्था ने नागपुरी गीत व नृत्य प्रस्तुत किया. मानभूम सांस्क़तिक समिति आदरडीह सरायकेला के कलाकारों ने गुलाप सिंह मुंडा के नेतृत्व में पाइका नृत्य प्रस्तुत कर लोगों जोश भरा. स्थानीय जय बिरसा कला संस्थान के कलाकारों ने भी आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया. इसके अलावा कपिलदेव सिंह डुमारो ने एकल गीत प्रस्तुत किया. यादव कला जत्था, नीलकमल संस्थान, निंदरा व सरना समितति सबारो के प्रतिभागियों ने भी पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत किया.
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