पिछले साल मई से खाली है नियामक आयोग में अध्यक्ष पद
इस साल दोनों सदस्यों का पद भी खाली हो गया
वितरक और उत्पादक कंपनियों ने पिछले साल ही दे दिया है टैरिफ पीटिशन
Ranchi : राज्य में नयी बिजली टैरिफ अप्रैल में घोषित होनी थी. लेकिन राज्य विद्युत नियामक आयोग में न ही अध्यक्ष है और न ही सदस्य. जिससे अब तक नयी बिजली दरों की घोषणा तो दूर जनसुनवाई तक नहीं हो रही. उर्जा विभाग की ओर से अध्यक्ष और दो सदस्य की नियुक्ति की जाती है. लेकिन विज्ञापन निकलने के बाद भी इन पदों पर बहाली नहीं की गयी. पिछले साल भी राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से बगैर अध्यक्ष के ही नयी बिजली दरें घोषित की गयी. वहीं इस बार अध्यक्ष और सदस्य दोनों नहीं होने के कारण बिजली पीटिशनों पर काम नहीं किया गया है. हर साल अप्रैल में नियामक आयोग की ओर से बिजली दरें तय की जाती है. ऐसे में पिछले साल कोविड लॉकडाउन के कारण अक्टूबर में दर तय की गयी.
ग्यारह लोगों के नाम सूची में
पूर्व नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने मई में इस्तीफा दिया. इसके बाद से नियामक आयोग का पद खाली है. वहीं सितंबर में उर्जा विभाग ने अध्यक्ष पद की बहाली के लिये विज्ञापन निकाला. आये आवेदनों में से लगभग ग्यारह लोगों को आयोग ने चिन्हित किया. जिसके बाद विभाग की तीन सदस्यीय कमेटी भी बनी. जो चयनित लोगों से एक उम्मीदवार के नाम की अनुशंसा अध्यक्ष के लिये करती. इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की मानें तो किसी भी अध्यक्ष के पद इस्तीफा या कार्यकाल पूरा होने के तीन महीने के अंदर अध्यक्ष उम्मीदवार घोषित कर देना है. लेकिन उर्जा विभाग ने इसमें देर की.
पिछले साल सदस्यों ने की थी टैरिफ घोषणा
पिछले साल अक्टूबर में नयी बिजली दरें घोषित की गयी. ये घोषणा तकनीकि सदस्य आरएन सिंह और विधि सदस्य प्रवास सिंह की ओर से की गयी. तकनीकि सदस्य आरएन सिंह इस साल जनवरी में रिटायर हुए. वहीं प्रवास सिंह को केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग में नियुक्त किया गया. ऐसे में ये पद भी खाली हो गये. दोनों सदस्यों की बहाली उर्जा विभाग की ओर से की जानी है. विभाग ने तकनीकी सदस्य के लिये विज्ञापन भी जारी किया है. बता दें इस बार अध्यक्ष या सदस्य किसी भी बहाली होने से टैरिफ प्रक्रिया पूरी होती. जबकि बिजली वितरकों और उत्पादक कंपनियों ने पिछले साल ही पीटिशन आयोग को दिया है.