- IAF ने बताया कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ जनरल बिपिन रावत का चॉपर Mi-17 V5
New Delhi : सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहे हेलीकॉप्टर में न तो कोई तकनीकी खामी थी, न ही पायलट ने कोई गलती की थी. बादल में चॉपर के प्रवेश करने के बाद अचानक मौसम बदला और हादसा हो गया. भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 लोगों की जिस अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर Mi-17 V5 दुर्घटना में मौत हो गयी थी, उसके कारणों का खुलासा हो गया है. ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे जनरल रावत को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टरों में दाखिल होने के बाद दुर्घटना का शिकार हुआ. वायुसेना ने कहा है कि फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के विश्लेषण से शुरुआती जांच में जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, न तो चॉपर में कोई तकनीकी खामी थी, न ही पायलट ने कोई गलती की. मौसम के अचानक बिगड़ने की वजह से चॉपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ.
Tri-Services Court of Inquiry into the Mi-17 V5 accident on 08 Dec 21 (which killed CDS Rawat & others) in its preliminary findings analysed Flight Data Recorder and Cockpit Voice Recorder; has ruled out mechanical failure, sabotage or negligence as a cause of the accident: IAF
— ANI (@ANI) January 14, 2022
पिछले साल 8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के नीलगिरि के जंगलों में जनरल रावत, उनकी पत्नी और अन्य सैन्य अधिकारियों को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें सवार ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को छोड़कर कोई जीवित नहीं बचा था. हालांकि, बाद में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने भी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
मौसम में बदलाव के कारण पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ
भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना से संबंधित जो प्रारंभिरक रिपोर्ट दी है, उसमें कहा गया है कि 8 दिसंबर 2021 को अप्रत्याशित ढंग से मौसम में बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश के परिणामस्वरूप हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई. इसकी वजह से पायलट का स्थानिक भटकाव हुआ. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कारणों के रूप में यांत्रिक विफलता, तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज किया गया है. भारतीय वायु सेना ने कहा है कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ‘ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष सौंप दिये हैं.
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क्रैश होने के बाद भीषण आग लग गयी थी
हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के पर्वतीय नीलगिरि जिले के कुन्नूर में हादसे का शिकार हुआ था. हादसा घने कोहरे के बीच नंजप्पनचथिराम इलाके में हुआ था और शुरुआती दृश्यों में हेलीकॉप्टर में आग की लपटें उठते हुए देखी गयी थीं. हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद भीषण आग लग गयी और पूरे इलाके में धुंध छा गयी. हेलीकॉप्टर जिस इलाके में गिरा, वह जंगल का क्षेत्र था. इसलिए राहत पहुंचने में भी थोड़ा वक्त लग गया. Mi-17 V5 हादसे पर ट्राई सर्विसेज कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि न तो हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी खामी आयी थी, न ही पायलट की कोई गलती थी. चॉपर जब बादलों में दाखिल हुआ, तो अचानक मौसम बदल गया और इसकी वजह से पायलट उस पर नियंत्रण नहीं रख पाया और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
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