NewDelhi : नेपाल में संसद भंग किये जाने की खबर है. अगले चुनाव अप्रैल- मई 2021 में होंगे. बता दें कि प्रधानमंत्री केपी ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने मुहर लगाते हुए संसद भंग करने की अनुमति दे दी. नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76, खंड एक तथा सात, और अनुच्छेद 85 के अनुसार संसद भंग करने का फैसला लिया गया है.
इस संबंध में राष्ट्रपति कार्यालय से रविवार दोपहर जारी किये गये बयान में कहा गया है कि पीएम ओली की सिफारिश पर संसद भंग करने का फैसला लिया गया है. अगले चुनाव अप्रैल- मई 2021 में किये जाने की सूचना दी गयी है.
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पहले चरण का मतदान 30 अप्रैल को
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार पहले चरण का मतदान 30 अप्रैल को, दूसरे चरण का मतदान 10 मई को होगा. जान लें कि इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाकर संसद भंग करने का फैसला किया था.
सत्तारूढ़ नेपा कम्युनिस्ट पार्टी ने केपी शर्मा ओली के फैसले का विरोध किया. पार्टी के प्रवक्ता का कहना था कि यह फैसला जल्दी में लिया गया फैसला है. यह लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है और राष्ट्र को पीछे ले जायेगा
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नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के बीच आंतरिक मतभेद चरम पर
राष्ट्रपति भंडारी ने यह कदम ऐसे में उठाया है जब नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के बीच आंतरिक मतभेद चरम पर हैं. पिछले कई दिनों से पार्टी दो खेमों में बंटी हुई है. एक खेमे की कमान 68 वर्षीय ओली के हाथ में है तो दूसरे खेमे का नेतृत्व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प दहल कमल ‘प्रचंड’ कर रहे हैंण्
संविधान विशेषज्ञों ने संसद भंग करने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है. कहै कि बहुमत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा संसद भंग करने का प्रावधान नहीं है. जबतक संसद द्वारा सरकार गठन की संभावना है तबतक सदन को भंग नहीं करना चाहिए.