LagatarDesk : केंद्र सरकार देश के 100 से अधिक रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने वाली है. इसी के तहत नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. 9 कंपनियां इसके लिए बोली लगाने योग्य पायी गयी है. इनमें अडाणी और जीएमआर जैसी दो बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. वहीं अन्य सात कंपनियां भी इसमें भाग लेंगी. जानकारी के अनुसार, इस साल के अंत तक टेंडर के जरिये कंपनी का नाम फाइनल कर दिया जायेगा.
रेल मंत्रालय ने री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का बजट का 6500 करोड़ किया तय
रेल मंत्रालय ने नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का बजट 6,500 करोड़ रुपये तय किया है. इसमें रेलवे स्टेशन में अच्छी सुविधाएं, रिटेल बिजनेस के रुप में विकसित करना, व्यावसायिक स्थान बनाना और हाउसिंग शामिल है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर रेलवे ने फरवरी 2021 में रिक्वेस्ट फोर क्वालिफिकेशन (RFQ) मंगाया था. जिसमें कई कंपनियों ने हिस्सा लिया था.
अडाणी या जीएमआर के हाथ में हो सकती है नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन की कमान
इस परियोजना में कई कंपनियों ने बोली लगायी थी. उनमें से केवल नौ कंपनियां ही बोली लगाने के योग्य हैं. इसमें अडाणी रेलवे ट्रांसपोर्ट, जीएमआर ग्रुप, अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी, एंकरेज इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्पतरूर पावर ट्रांसमिशन समेत 9 कंपनियां शामिल हैं. माना जा रहा है कि नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन की कमान या तो अडाणी के या फिर जीएमआर समूह के हाथों में होगी.
सितंबर 2020 में हुई थी प्री-बिडिंग मीटिंग
रेलवे स्टेशन के निजीकरण के लिए सितंबर 2020 में प्री-बिड मीटिंग रखी गयी थी. उसमें अडाणी, जीएमआर, जेकेबी इंफ्रा, अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया था. केंद्र सरकार रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट के लिए निजी कंपनियों के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर भागीदारी शुरू करेगी. इसी के तहत देश के करीब 125 रेलवे स्टेशनों का री-डेवलपमेंट का काम चल रहा है.