NewDelhi : लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है. खबर है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में अपनी सेना की तैनाती एक बार फिर बढ़ा दी है. जानकारी मिली है कि चीनी वायु सेना ने हाल ही में भारतीय सीमा के नजदीक एक बड़ा युद्ध अभ्यास किया. इस अभ्यास की सूचना पर भारतीय खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गयी हैं.
इंडिया टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी वायु सेना के 20 से अधिक लड़ाकू विमानों ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के सामने हुए युद्ध अभ्यास में शामिल हुए. सूत्रों के अनुसार युद्ध अभ्यास उसी एयरबेस से किया गया, जहां से पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना ने अपने जवानों को मदद पहुंचायी थी.
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उत्तरी सीमाओं में राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती की जा चुकी है.
जानकारी के अनुसार भारतीय सेना द्वारा किसी भी हालात से निपटने के लिए व सुरक्षा व एहतियात के तौर पर उत्तरी सीमाओं में राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती की जा चुकी है. खबर है कि भारत की नजर लद्दाख के सामने चीनी सीमा में स्थित काशगर, होतान, नगारी गुन्सा, शिगात्से, ल्हासा गोंगकर, न्यिंगची और चमडो पंगटा एयरबेस पर है. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान एलएसी पर अभ्यास करते दिखाई दे रहे हैं.
PLAAF)ने अपने कई एयरबेस को अपग्रेड किया है
इंडिया टुडे के अनुसार शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त सैन्य क्षेत्र में स्थित सात चीनी सैन्य ठिकानों पर नजर रखने के लिए उपग्रहों और निगरानी के अन्य रूपों का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारतीय वायुसेना के फॉरवर्ड एयरबेस को पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों पर स्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है. कहा जा रहा है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फ़ोर्स (PLAAF) ने हाल के दिनों में अपने कई एयरबेस को अपग्रेड किया है, जिसमें रहने के लिए कैंप का निर्माण, रनवे की लंबाई का विस्तार और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती शामिल है.