- मुख्य सचिव को निर्देश- दास के खिलाफ अनुशासनहीनता का मामला चलाया जाए
- सर्विस बुक में लिखा जाए, कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज किया
Vinit Upadhyay
Ranchi : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने झारखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सचिव यतींद्र कुमार दास की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि बोर्ड के सचिव और प्रदूषण फैलाने वाले की एक-दूसरे के साथ मिलीभगत है. एक इंडस्ट्री द्वारा प्कीरदूषण फैलाने के मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव वाईके दास के सर्विस बुक में भी इस बात का उल्लेख किया जाए कि उन्होंने कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नदरअंदाज किया. साथ ही मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया कि दास के खिलाफ अनुशासनहीनता का मामला चलाया जाए.
सचिव ने जुर्माना माफ कर दिया था
दरअसल बोर्ड ने एक इंडस्ट्री पर प्रदूषण फैलाने और नियमों का उल्लंघन करने के कारण जुर्माना लगाया था, जिसे सचिव ने माफ कर दिया था. इसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने सदस्य सचिव के खिलाफ गंभीर टिप्पणी करते हुए अनुशासनहीनता का मामला चलाने का निर्देश दिया है. एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ यतींद्र कुमार दास ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर अभी सुनवाई नहीं हुई है. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बोर्ड के सदस्य सचिव के रूप में वाईके दास की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए झारखंड हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गयी है. मामला अभी न्यायालय में लंबित है.
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