Nirsa : निरसा थाना अंतर्गत भुरकुंडा बाड़ी स्थित बाबा धर्मराज मंदिर से चोरी गई बाबा धर्मराज की मूर्ति का अभी तक कोई अता पता नहीं है. मंदिर में चोरी से ग्रामीणों में आक्रोश एवं असंतोष है. लोग किसी दैवी आपदा की आशंका से भयभीत हैं. उन्हें विश्वास भी है कि 1 सप्ताह के अंदर करमपुरा जंगल से बाबा धर्मराज की मूर्ति मिल जाएगी. ग्रामीणों के आश्वासन पर पुलिस ने गांव से कैंप हटा लिया है. परंतु रात्रि गश्ती जारी है.
मालूम हो कि बुधवार की रात अराजक तत्वों ने भुरकुंडा बाड़ी स्थित बाबा धर्मराज के ऐतिहासिक मंदिर से बाबा धर्मराज, भीम, नकुल एवं सहदेव की गुंबजनुमा मूर्ति को चुरा लिया था. हालांकि भीम नकुल एवं सहदेव की खंडित मूर्ति तालाब के मेढ से ग्रामीणों ने बरामद की, परंतु बाबा धर्मराज की मूर्ति नहीं मिली है.
गंगाजल से पवित्र करने के बाद मंदिर बंद
मंदिर के पुजारी सपन भट्टाचार्य ने पूरे विधि विधान के साथ गंगाजल से धोकर मंदिर को पवित्र किया तथा तालाबंदी कर दी. जब तक नए सिरे से बाबा धर्मराज की प्रतिमा की स्थापना नहीं हो जाती, तब तक मंदिर में आम जनों का प्रवेश बंद रहेगा. खरमास को देखते हुए तत्काल मंदिर में बाबा धर्मराज एवं भीम, नकुल, सहदेव की प्रतिमा स्थापित नहीं की जा रही है.
खंडित मूर्ति को रखा गया पूजन सामग्री हॉल में
चोरी के बाद बरामद भीम, नकुल एवं सहदेव की खंडित मूर्तियों को अलग से बने पूजा सामग्री हॉल में रखा गया है. ग्रामीण वहीं पर खंडित मूर्ति की पूजा-आरती कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि खंडित मूर्ति को पूरे विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में विसर्जित किया जाएगा. जब तक खंडित मूर्ति विसर्जित नहीं की जाती, तब तक उसे पूजा सामग्री हॉल में रखा गया है.
इसे आस्था कहें या अंधविश्वास
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के जिन चार व्यक्तियों बामापदो मंडल, शिवलाल सिंह, लालचंद गोराई एवं बिट्टू गोराई पर बाबा धर्मराज का भाव आया था, उन्होंने बताया था कि बाबा धर्मराज की मूर्ति करमपुरा के जंगल में ही है. मूर्ति को काफी गंदे स्थान पर रखा गया है. जिस कारण उस स्थान पर पहुंच नहीं पा रहे. एक सप्ताह के अंदर बाबा धर्मराज की मूर्ति करमपुरा के जंगल से ही बरामद हो जाएगी.
लोग इस बात पर विश्वास कर रहे हैं कि जिन ग्रामीणों पर भाव आया था, उन्होंने ही खंडित मूर्ति को खोज निकाला था. वह लोग बाबा धर्मराज की मूर्ति को भी खोज निकालेंगे. इसी विश्वास पर ग्रामीण लगातार करमपुरा के जंगल में बाबा धर्मराज की मूर्ति की खोज कर रहे हैं. इसे अंधविश्वास कहें या आस्था की पराकाष्ठा कि बाबा धर्मराज की मूर्ति कर्मपुरा के जंगल से ही मिलेगी.
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