Godda: नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिख कर राज्य के गोड्डा जिले में चल रही फूलो-झानो सक्षम आजीविका मिशन (गोड्डा मॉडल) की तारीफ की. साथ ही उन्होंने इस मॉडल को राज्य के दूसरे जिलों में लागू करने की बात कही है. ताकि इससे जुड़कर अन्य जिलों की महिलाएं भी एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें, आत्मनिर्भर बनें और उनकी अच्छी आमदनी हो सके.

अमिताभ कांत ने कहा है कि इस योजना के तहत जिले की महिलाएं आत्मनिर्भर बन अच्छा जीवन जी रही हैं. यह कार्य तारीफ के काबिल है. इसकी तारीफ नीति आयोग के वाइस प्रेसिंडेट अभिषेक चौधरी ने भी की है. जानकारी के अनुसार, यह मॉडल पूरे राज्य में एक लाख से भी ज़्यादा रोज़गार उत्पन्न करने की क्षमता रखता है.
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दो वर्ष पहले पूर्व डीसी के नेतृत्व में शुरु हुआ था गोड्डा मॉडल
यह गोड्डा मॉडल पिछले दो वर्षों से जिला प्रशासन, जेएसएलपीएस, सर्व शिक्षा अभियान और अडानी फाउंडेशन के सीएसआर फंड के तहत चलाया जा रहा है. यह योजना उस समय की डीसी किरण पासी ने शुरू की थी. वर्तमान डीसी भोर सिंह यादव के नेतृत्व में भी फिलहाल इस योजना का लाभ लगभग 1500 महिलाओं को मिल रहा है.
क्या है गोड्डा मॉडल
फूलो-झानो सक्षम आजीविका मिशन के तहत महिलाएं गोड्डा जिले के सरकारी स्कूलों की यूनीफॉर्म की सिलाई का काम कर रही हैं. ये महिलाएं हर महीने 10 से 15 हजार रुपये तक कमा रही हैं.
महिलाएं बैंक से जुड़ कर अपने आमदनी से घर चलाने के साथ ही संपत्ति भी अर्जित कर रही हैं. जैसे अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाना, काम पर समय से पहुंचने के लिए स्कूटी खरीदना आदि.
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बैग, कॉपी, जूते, स्वेटर का भी हो सकता है निर्माण
फिलहाल गोड्डा मॉडल के तहत ये महिलाएं केवल सरकारी स्कूल के ड्रेसेज बना रही हैं. पर इस मॉडल की क्षमता को देखते हुए बैग, कॉपी, जूते, स्वेटर, आदि का भी निर्माण किया जायेगा. इससे महिलाएं सशक्त बन एक अच्छा जीवन जीने के साथ ही समाज कल्याण में भागीदार बन सकती हैं.

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