- केरल के मुख्य सचिव की शिकायत व मदद पर झारखंड के मुख्य सचिव ने दिया था आश्वासन
- परिवहन आयुक्त ने दुमका और गोड्डा DTO और SP से मांगी थी विस्तृत रिपोर्ट, रिपोर्ट में सामने आई बात
Ranchi: झारखंड राज्य में खड़ी केरल सरकार की 4 बसों से अवैध पार्किंग वसूली के मामले को राज्य सरकार ने गलत बताया है. केरल सरकार की शिकायत के बाद परिवहन आयुक्त ने गोड्डा और दुमका के जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) एवं पुलिस अधीक्षक (SP) से विस्तृत जानकारी मांगी थी. संबंधित अधिकारियों द्वारा सौंपी रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 17 बसों में से 8 बस केरल राज्य को वापस लौट गई है. जबकि 3 बसें अभी असम और 2 बसें पश्चिम बंगाल राज्य में है. वहीं 4 बसें अभी झारखंड में है जो कि सभी सुरक्षित है. इनसे किसी प्रकार की अवैध पार्किंग वसूली की सूचना नहीं मिली है. झारखंड में खड़ी चार बसों में से 3 बस दुमका में और 1 गोड्डा में खड़ी हैं.
चालकों के खाने-पीने और सहित अन्य सभी आवश्यक जरूरतें उपलब्ध करा रही झारखंड सरकार
परिवहन आयुक्त ने बताया है कि संबंधित जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारी, सदर थाना प्रभारी हंसडीहा और जिलों के एसपी के द्वारा जिलों में खड़ी चारों बसों का सतत निरीक्षण जारी है. बस चालकों के खाने-पीने और सहित अन्य सभी आवश्यक जरूरतें उपलब्ध कराना झारखंड सरकार की जिम्मेदारी है जो निभाई जा रही है.
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केरल के मुख्य सचिव ने सुखदेव सिंह को पत्र लिख चालक व कर्मियों के लिए मांगी थी मदद
बता दें कि झारखंड के प्रवासी मजदूरों को लेकर पहुंची केरल सरकार की बसों से झारखंड में अवैध वसूली का आरोप लगा था. कहा गया था कि बस के चालकों-कर्मियों से रंगदारी मांगी जा रही है. इसकी शिकायत मिलने के बाद केरल के मुख्य सचिव डॉ वीपी जॉय ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिख कर केरल से झारखंड आई बसों के चालक व कर्मियों के लिए मदद मांगी थी. कुछ बसों के चालकों से बात की गई तो उन लोगों ने बताया था कि झारखंड में पार्किंग के नाम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रति बस 5,000 से 10,000 रुपये की मांग की थी.